जम्मू, 22 जून 2025
22 अप्रैल को काश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमला, जिसमें 26 निर्दोष भारतियों की आतंकियों ने निर्मन हत्या कर दी थी। उस मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने घाटी में हमला करने वाले आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
एनआईए ने एक बयान में कहा, “पहलगाम के बटकोट निवासी परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क निवासी बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान बताई है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।” एनआईए की जांच के अनुसार, “परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन सशस्त्र आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी थी। दोनों लोगों ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की थी, जिन्होंने उस दुर्भाग्यपूर्ण दोपहर को धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को चुन-चुन कर मार डाला, जिससे यह अब तक का सबसे भीषण आतंकवादी हमला बन गया।”
दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो किसी आतंकवादी को शरण देने की सजा से संबंधित है। एनआईए ने कहा है कि मामले में आगे की जांच जारी है।
पूरे देश को झकझोर देने वाले इस हमले में हथियारबंद आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी टट्टू सवारी संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के अनुसार, हत्यारों ने उन्हें करीब से गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा था। पहलगाम हमले ने कई लाल रेखाओं को पार कर लिया, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। दो सप्ताह बाद, भारत ने हत्याओं का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढाँचों को निशाना बनाया। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि उसने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। हालाँकि, पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार करके जवाब दिया। भारत की मजबूत वायु रक्षा ने इनमें से अधिकांश प्रोजेक्टाइल को बेअसर कर दिया, हालाँकि सीमा और नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी के कारण जानमाल का नुकसान हुआ।
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के कई प्रमुख सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कई हवाई अड्डे भी शामिल थे, जिससे इस्लामाबाद को युद्ध विराम के लिए बाध्य होना पड़ा। नई दिल्ली ने चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा।