Uttar Pradesh

मांगों की अनसुनी पर पेंशनरों का शक्ति प्रदर्शन… समर्थन में आए शिक्षक

लखनऊ, 15 मार्च 2025:

यूपी की राजधानी समेत सभी जिला मुख्यालयों पर मंगलवार को सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने धरना देकर शक्ति प्रदर्शन किया। लंबे अरसे से मांगों के लिए संघर्ष कर रहे बुजुर्ग पेंशनरों ने जमकर नारेबाजी की। एसोसिएशन की 7 सूत्रीय मांगों में स्कूल मर्जर का भी मुद्दा शामिल रहा।इस दौरान उनके समर्थन में शिक्षक संगठन ने भी विरोध में अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराई और वादा किया दोनों मिलकर लड़ेंगे।

प्रांतीय नेता बोले…यूपी भर में 50 हजार से अधिक पेंशनर्स धरने में जुटे

लखनऊ के हजरतगंज स्थित कर्मचारी नेता स्व.बीएन सिंह के प्रतिमा स्थल पर धरना दिया गया।
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पूरे प्रदेश में आज के आन्दोलन में 50 हजार से अधिक शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स ने भाग लेकर सरकार को चेतावनी दी है। महामंत्री ओपी त्रिपाठी ने सेवारत की भांति सेवानिवृत्त कार्मिकों के भी वेतन, पेंशन भत्ते पुनरीक्षण किये जाने का मु‌द्दा उठाया। अखिल भारतीय पेंशनर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एसपी सिंह एवं राष्ट्रीय सचिव एसके मिश्रा तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा ने अपने विचार रखे।

स्कूल मर्जर का विपरीत प्रभाव शिक्षकों व गरीब बच्चों पर पड़ेगा

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता डॉ.आरपी मिश्र, महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सुपांशु मोहन ने अनिवार्य शिक्षा अधिनियम को दरकिनार करते हुये लगभग 11000 प्राथमिक विद्यालयों को बन्द करने वाले सरकार के निर्णय की निंदा की। कहा, इसका गहरा विपरीत प्रभाव गरीब बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शिक्षकों कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। सभा को अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा, ओपी राय, बीके सिंह, लखनऊ अध्यक्ष अंगद सिंह सचिव आरसी उपाध्याय, आरपी अवस्थी, नरेन्द्र प्रताप सिंह, गंगाधर निरंकारी आदि ने सम्बोधत किया।

बाराबंकी: अध्यक्ष ने कहा…सुविधाएं हमारा संवैधानिक अधिकार, भेदभाव सहन नहीं

बाराबंकी जिला मुख्यालय स्थित गन्ना कार्यालय परिसर में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये गए। धरने में एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबू लाल वर्मा ने
कहा कि पेंशन और मंहगाई राहत व अन्य सुविधाओं में समानता हमारे नियमों में पहले से है और हमारा संवैधानिक अधिकार है, इसमें किसी प्रकार का भेदभाव हमें स्वीकार नहीं होगा यह हमारे जीवन-मरण का प्रश्न है, इसके लिए हम लड़ेगें और सरकार की “बांटों और राज करों” की नीति को कामयाब नही होने देगें। सभा के अन्त में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को सम्बोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन धरना स्थल पर आये डीएम के प्रतिनिधि को सौंपा गया। सभा को पवन कुमार वर्मा अध्यक्ष प्राशिसं एवं अध्यक्ष शिक्षक महासंघ, एसपी सिंह संयोजक शिक्षक महासंघ ने भी सम्बोधित किया और एसोसिएशन के आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की।

पेंशनर्स एसोसिएशन की मुख्य मांगें

•⁠ ⁠वित्त विधेयक 2025 के माध्यम से पेंशनरी नियमों में किये गये बदलाव निरस्त हों

– 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाये और उसके “टर्म्स ऑफ रिफरेन्स में” पेंशन पुनरीक्षण का विषय भी सन्दर्भित हो

•⁠ ⁠गरीब बच्चों की पढ़ाई हेतु बने प्राथमिक स्कूलों को न तो किसी अन्य विद्यालय में मर्ज किया जाये और न बन्द किया जायें।

•⁠ ⁠पेंशन के राशि करण की कटौती 15 वर्ष तक करने को घटाकर 10 वर्ष की जायें।

•⁠ ⁠कोरोना काल में रोके गये कर्मचारियों शिक्षकों एवं पेंशनर्स का 18 माह के डी०ए०, डी०आर० के एरियर का भुगतान शीघ्र किया जाये।

•⁠ ⁠पुरानी पेंशन बहाल हो और डीए से डीआर को डी-लिंक न किया जायें।

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