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PM मोदी ने किया ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण, 3 महापुरुषों की प्रतिमाएं बनीं भारत की नई पहचान

लखनऊ में अटल, उपाध्याय और मुखर्जी की विरासत का संगम, 65 एकड़ में 232 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल में तैयार किया गया राष्ट्र प्रेरणा स्थल, तीनों नेताओं की 65-65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र

लखनऊ, 25 दिसंबर 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ गुरुवार को एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी जब पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना में तैयार भव्य ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण किया। यह धरोहर केवल एक स्मारक नहीं बल्कि भारतीय राजनीतिक चिंतन, राष्ट्रवाद और प्रेरणा के तीन महान स्तंभ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों का जीवंत प्रतिबिंब है।

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लोकार्पण के दौरान पीएम मोदी ने तीनों महान विभूतियों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर रक्षामंत्री एवं स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इससे पहले एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी सीधे कार्यक्रम स्थल पहुंचे और प्रतिमाओं व परिसर का अवलोकन किया।

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65 एकड़ क्षेत्र में फैले इस प्रेरणा स्थल का निर्माण दिसंबर 2022 में शुरू हुआ था। लगभग तीन वर्ष में यह भव्य रूप लेकर तैयार हुआ। कुल 232 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट में तीनों नेताओं की 65-65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। उनका वजन 42-42 टन है। केंद्र में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित है जबकि दोनों ओर अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमाएं भव्यता का एहसास दिलाती हैं।

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प्रतिमाओं के निर्माण में भी देश के शीर्ष मूर्तिकारों का योगदान रहा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले राम सुतार ने दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा को साकार किया। प्रसिद्ध मूर्तिकार माटू राम ने मुखर्जी और वाजपेयी की प्रतिमाओं को आकार दिया। तीनों प्रतिमाओं पर ही लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत आई है।

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कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो दर्जन से अधिक जिलों से करीब दो लाख लोग कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इसके लिए हजारों बसों और वाहनों की व्यवस्था की गई थी। राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन न केवल आधुनिक भारत की सांस्कृतिक और वैचारिक धरोहर को मजबूत करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनने जा रहा है। यह स्थल निस्संदेह लखनऊ की पहचान में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है।

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