नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित होने को ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली में पारदर्शिता की कमी थी, जिससे मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचता था। संसद द्वारा पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ाएंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इस बिल को पारित करने में योगदान देने वाले सभी सांसदों का आभार जताया और इसे सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। 12 घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा में यह बिल 288 के मुकाबले 232 वोटों से पारित हुआ, जबकि राज्यसभा में 128 के मुकाबले 95 वोट मिले।
वक्फ बिल के नए प्रावधानों के तहत अब विवादित संपत्तियों पर वक्फ का दावा नहीं किया जा सकेगा, सरकारी संपत्तियों पर वक्फ के दावों को भी रोका जाएगा और ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे ‘नया सवेरा’ बताते हुए कहा कि इस बिल से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
संसदीय समिति की विस्तृत चर्चा और 1 करोड़ से अधिक लोगों से मिले सुझावों के बाद तैयार किए गए इस बिल पर देशभर में बहस जारी है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा।