नई दिल्ली 10 फरवरी 2025:
देश की राजधानी में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न प्रांतों से आये छात्रों से रूबरू हुए। मौका था परीक्षा पर चर्चा 2025 कार्यक्रम का। छात्रों के मन से जुड़ने के लिए पीएम पहले पोषण का जिक्र करते हुए सेहत की बात की फिर पढ़ाई और परीक्षा का जिक्र करते हुए उनके दिमाग पर छा गए। पीएम ने बेहद आसान उदाहरण देकर परीक्षा के तनाव से जूझने नहीं बल्कि उससे उबरने के मंत्र बता दिए।
परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में तिल के लड्डू खिलाकर बताया पोषण से प्रगति का रिश्ता
खुले आसमान के नीचे खिली धूप और पेड़ों की छांव में लगी पाठशाला में उनकी एंट्री से ही बच्चे चहक उठे। उन्होंने अपने हाथों से तिल के लड्डू खिलाये। इसी लड्डू के जरिये उन्होंने पर्व संस्कृति मिलेट्स और सेहत का किस्सा छेड़ दिया। उन्होंने बच्चों से उनके शौक पूछे कविता सुनी और सहज संवाद बना लिया। बच्चे पोषण पर हो रही इस चर्चा में उनसे ये जान रहे थे कि आहार कैसा हो समय क्या हो। क्या खाना है क्या नहीं खाना और कैसे खाना की सलाह मिली। ये भी जाना नींद का खजाना कैसे सुरक्षित रखना है इसका उपयोग कैसे करना है। पीएम ने किसानों की दिनचर्या बताते हुए पोषण को प्रगति से जोड़ा।
पाठशाला में हुई चर्चा से खुलीं परीक्षा से जुड़ीं मन की गांठें
अब बात शुरू हुई पढ़ाई की तो बच्चों ने बताया कि अच्छे नम्बर सभी चाहते हैं इसका तनाव रहता है नींद कम आती है। पीएम ने इस बात पर क्रिकेट स्टेडियम का उदाहरण देते हुए कहा कि बैट्समैन वहां मौजूद पब्लिक के चौके छक्के के शोर पर ध्यान नहीं देता उसकी नजर बॉल पर रहती है। बॉल के मुताबिक ही शॉट लगाता है। ऐसा ही हमें करना है हमें खुद से मिलना होगा खुद से जुड़ना होगा तभी जीत मिलेगी। खुद को चुनौती देना भी नहीं छोड़ना है अगर पहले 30 नम्बर मिले तो अगला लक्ष्य 35 का हो। ज्ञान, पढ़ाई, परीक्षा, परिवार अपेक्षाओं सबको साथ लेकर सधे कदमों से आगे बढ़ने की यात्रा समेटे पीएम की पाठशाला के खत्म होते होते बच्चों के अंदर मन की गांठें खुल चुकी थीं।