NationalUttar Pradesh

पालकी यात्रा से पूर्व पुलिस की नोटिस, कहा- अनुमति नहीं ली, अजय राय बोले- परंपरा नहीं टूटेगी

वाराणसी, 9 मार्च 2025:

यूपी के वाराणसी में रंगभरी एकादशी के लिए सोमवार को प्रस्तावित टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से काशी विश्वनाथ धाम तक निकलने वाली पालकी यात्रा को लेकर पुलिस ने आयोजक को नोटिस थमा दी है। पुलिस ने इसे बिना अनुमति आयोजन करार देते हुए यात्रा निकलने पर कार्रवाई की बात कही है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इसे परंपरा तोड़ने वाली कार्रवाई बताकर निंदा कर पीएम से इसे बहाल किये जाने की मांग रखी और स्वयं आयोजन में मौजूद रहने की बात कही। इस नोटिस को लेकर सपा नेता व मंदिर के महंत ने भी विरोध जताया है।

महंत के निधन के बाद बेटे वाचस्पति हैं यात्रा के आयोजक

काशी विश्वनाथ धाम में रंग भरी एकादशी के लिए बीते कई दिनों से आयोजन चल रहे हैं। इसी के तहत सोमवार को शिव पार्वती की पालकी यात्रा टेढ़ीनीम स्थित महंत स्व.कुलपति तिवारी के आवास से निकालने की घोषणा की गई है। इस यात्रा की कमान स्व.महंत के पुत्र वाचस्पति तिवारी ने सम्भाल रखी है।

पुलिस ने नोटिस में दिया न्यास की मनाही का हवाला कहा- शांति व्यवस्था को खतरा

आयोजन से एक दिन पूर्व पुलिस की एक नोटिस सामने आई है। काशी कमिश्नरेट के दशाश्वमेघ थाना के प्रभारी निरीक्षक द्वारा गत 6 मार्च को जारी की गई इस नोटिस में कहा गया है कि दस मार्च को होने वाली पालकी यात्रा के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए भीड़ जुटाने का आवाहन विभिन्न माध्यमों से किया जा रहा है। जबकि काशी विश्वनाथ न्यास द्वारा महंत के निधन के बाद किसी बाहरी प्रतिमा या किसी बाहरी आयोजन का मंदिर परिसर में प्रवेश पर स्पष्ट रूप से मना किया गया है। ऐसे में इसके लिए आपको अनुमति नहीं प्रदान की गई है। इसके बावजूद लगातार आयोजन के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ऐसे में कोई घटना होने पर शांति व्यवस्था की स्थिति गम्भीर हो सकती है। ऐसे में दस मार्च को ऐसा कुछ हुआ तो आयोजक वाचस्पति तिवारी पर कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बोले शामिल होंगे, डटकर लड़ेंगे सपा नेता व महंत ने भी सवाल दागे

पुलिस की इस नोटिस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट कर रंगभरी एकादशी की पालकी और कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही है। उन्होंने इसे तीन सौ साल पुरानी परम्परा बताते हुए पीएम से इसे बहाल करने की मांग की। वहीं ये भी कहा कि इससे पहले ये परम्परा कभी नहीं टूटी है। ये काशी वासियों का अपमान है। हम सब लोग पालकी पूजन में रहेंगे और काशी वासियों के सम्मान के लिए डटकर लड़ेंगे।

समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव एवं महामृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित ने कहा कि कि क्या बनारस प्रशासन काशी की परंपराओं को नष्ट करने के लिए किसी विशेष एजेंडे के तहत काम कर रहा है। उन्होंने काशीवासियों से अपील की कि वे अपनी पहचान और संस्कृति को नष्ट न होने दें। उन्होंने कहा कि यह समय काशी की परंपराओं को बचाने का है, और हमें एकजुट होकर इसकी रक्षा करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button