
नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर देश की सियासत में हलचल मचा दी. उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वह चिकित्सा सलाह का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से पद त्याग रहे हैं. उनके इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि महज कुछ घंटे पहले तक वह अपनी आगामी बैठकों और कार्यक्रमों को लेकर सक्रिय थे.
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग की भी सराहना की. उन्होंने लिखा कि यह उनके लिए गर्व की बात रही कि वह देश की आर्थिक प्रगति और विकास का हिस्सा बने. साथ ही उन्होंने संसद सदस्यों से मिले स्नेह और विश्वास के लिए आभार भी जताया.
ध्यान देने वाली बात यह है कि धनखड़ के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में विपक्ष की ओर से ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. राज्यसभा अध्यक्ष के रूप में उनके “पक्षपाती व्यवहार” का आरोप लगाते हुए कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के 60 सांसदों ने यह नोटिस राज्यसभा सचिव को सौंपा था. हालांकि तकनीकी कारणों से यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था.
धनखड़ ने सोमवार को संसद सत्र की शुरुआत की थी और मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी निर्धारित थी. साथ ही जयपुर में 23 जुलाई को उनके कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी. लेकिन इस्तीफे की खबर से साफ हो गया कि यह निर्णय पूरी तरह अप्रत्याशित था.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी धनखड़ के इस कदम पर हैरानी जताई और कहा कि सोमवार शाम तक वह अन्य सांसदों के साथ मीटिंग कर रहे थे और फोन पर बातचीत भी की. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे धनखड़ को फैसला बदलने के लिए मनाएं, जिससे देशहित और खासकर किसानों को राहत मिल सके.






