लखनऊ, 9 दिसंबर 2025:
यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिल राहत योजना 2025 में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब वे उपभोक्ता भी लाभ के पात्र होंगे जिन्होंने बीते महीनों में अपने बकाया बिल की किस्तों या आंशिक रकम का भुगतान किया है। पहले यह लाभ केवल उन्हीं को दिया जा रहा था जिन्होंने अब तक कोई भी भुगतान नहीं किया था। इस असमानता को लेकर उठ रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए कॉर्पोरेशन ने आंशिक भुगतान करने वालों को भी पूर्ण ब्याज माफी और मूल धनराशि पर 25% की छूट देने का निर्णय लिया है।
इस संशोधित योजना के लिए उपभोक्ताओं को 11 दिसंबर से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि सिस्टम अपडेट के बाद ऐसे उपभोक्ताओं की किस्तें स्वचालित रूप से समायोजित हो सकें। इस परिवर्तन से केवल राजधानी लखनऊ में ही लगभग साढ़े सात हजार उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलने का अनुमान है।
अधिकारियों के अनुसार प्रबंधन ने उन बकायेदारों को भी राहत का लाभ देने के निर्देश दिए हैं जिन्होंने इस वर्ष 1 अप्रैल से 30 नवंबर के बीच अपने बिल की मूल राशि का कुछ हिस्सा चुका दिया था। समाधान योजना में इसी आधार पर संशोधन किया गया है। कई महीनों से बकाया लिए बैठे उपभोक्ताओं में ग्रामीण क्षेत्रों की संख्या अधिक बताई जा रही है। अधिकांश उपभोक्ताओं ने 31 मार्च के बाद एक या दो किस्तें जमा की थीं लेकिन पूरी रकम अदा न कर पाने के कारण वे योजना के दायरे से बाहर रह जा रहे थे।
लखनऊ के अमौसी जोन में ऐसे सबसे अधिक करीब साढ़े चार हजार उपभोक्ता हैं जबकि लखनऊ मध्य जोन में संख्या सबसे कम लगभग दो सौ बताए गए हैं। इसके अलावा जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन में एक-एक हजार से अधिक बकायेदार समाधान योजना के दायरे में आएंगे।
बिलिंग सिस्टम के अपग्रेड के साथ ही सोमवार से इन उपभोक्ताओं की सूची तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। चारों जोन की टीमें प्रत्येक बकायेदार के घर जाकर उन्हें नए नियमों की जानकारी देंगी। उपभोक्ताओं को बताया जाएगा कि पंजीकरण कराने पर उन्हें ब्याज में 100% राहत मिलेगी और मूल बकाया पर 25% की सीधी छूट मिलेगी।
अधिकारियों का कहना है कि इस राहत से न केवल उपभोक्ताओं का आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि बकाया वसूली की प्रक्रिया भी तेज होगी। कॉर्पोरेशन का मानना है कि योजना में किए गए ये संशोधन उपभोक्ताओं और विभाग दोनों के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगे, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में उपभोक्ता पुनः नियमित बिल भुगतान प्रणाली में लौट सकेंगे।






