
अमित मिश्र
प्रयागराज, 7 अगस्त 2025 :
यूपी के प्रयागराज में गंगा और टोंस नदियों में आई बाढ़ से करछना और गंगापार के दर्जनों गांवों में राशन, पीने का पानी और पशुओं के चारे की किल्लत बनी हुई है। आलम ये है कि बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिरे ग्रामीणों का बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। फिलहाल इन्हें सरकारी मदद देने का सिलसिला जारी है।

प्रयागराज में बाढ़ में फंसे लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। बाढ़ पीड़ितों के बीमार पड़ने की शिकायतें बढ़ने के साथ ही भोजन-पानी का भी गंभीर संकट पैदा हो गया है। करछना और गंगापार के इलाकों में हालात बेहद गंभीर हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में हथसरा, पनाश, देहली भगेसर, बसही और पोतनीहा शामिल हैं। प्रशासन अलग-अलग क्षेत्रों में भोजन के पैकेट और राहत सामग्री वितरित करा रहा है लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है।
हथसरा गांव टापू बन चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ ने उनके खेतों, मवेशियों और आजीविका के साधनों को नुकसान पहुंचाया है। पशुओं का चारा भीग चुका है। वो भूख से तड़प रहे हैं। यहां खुद भूखे रहना पड़ रहा है। पशुओं को क्या खिलाएं। करछना विधायक पीयूष रंजन निषाद ने कई गांवों में नाव से राहत सामग्री वितरित की। विधायक ने राशन, पीने का पानी, दवाइयां, मोमबत्तियां, माचिस आदि जरूरी सामग्री बांटी। वहीं प्रयागराज के शहरी इलाकों में भी कांग्रेस कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं।






