प्रयागराज,22 अक्टूबर 2024
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी दिसंबर में निरीक्षण के लिए आएंगे। उर्दू शब्दों, जैसे ‘शाही’ और ‘पेशवाई’, के उपयोग पर पाबंदी लगाई जा रही है, और अखाड़ों द्वारा नए शब्दों का प्रयोग शुरू किया गया है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में अखाड़ों के प्रवेश और स्नान से उर्दू शब्दों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासनिक कार्यालय में ‘शाही’ शब्द को हटा दिया गया है, जबकि संत ‘राजसी स्नान’ और ‘शोभायात्रा छावनी प्रवेश’ का प्रयोग कर रहे हैं। संतों ने अपने आगमन के कार्यक्रम भी जारी कर दिए हैं।
निरंजनी अखाड़े ने महाकुंभ कार्यक्रम जारी किया
महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े ने अपना कार्यक्रम घोषित कर दिया है। सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के अनुसार, 20 दिसंबर को अखाड़े की रमता पंच के सभी नागा संन्यासी हरिद्वार से निकलकर प्रयागराज पहुंचेंगे।
निरंजनी अखाड़े ने धर्म ध्वजा स्थापना और स्नान कार्यक्रम की घोषणा
निरंजनी अखाड़े के संतों की अगुवाई में 30 दिसंबर को धर्म ध्वजा की स्थापना की जाएगी। 4 जनवरी को शोभायात्रा छावनी प्रवेश होगा, जबकि 14 जनवरी को पहला, 29 जनवरी को दूसरा, और 3 फरवरी को तीसरा राजसी स्नान आयोजित किया जाएगा। इस नए कार्यक्रम में उर्दू शब्दों का उपयोग समाप्त किया जा रहा है, जिससे महाकुंभ की तैयारियों में एक नया बदलाव नजर आ रहा है।
नया उदासीन अखाड़े ने महाकुंभ 2025 का कार्यक्रम जारी किया
नया उदासीन अखाड़े ने महाकुंभ 2025 के लिए अपना कार्यक्रम घोषित किया है। 8 जनवरी को धर्म ध्वजा की स्थापना की जाएगी, जबकि 10 जनवरी को अखाड़े का नगर प्रवेश होगा। अखाड़े द्वारा प्रकाशित कार्ड में पुराने शब्दों को बदल दिया गया है, जिससे महाकुंभ में नए शब्दों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।