मुंबई, 20 अप्रैल 2025
मुंबई के विले पार्ले में स्थित 30 साल पुराने दिगंबर जैन मंदिर को 17 अप्रैल को तोड़े जाने के बाद जैन समाज ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। 19 अप्रैल को जैन समुदाय ने सड़क पर उतरकर बीएमसी के खिलाफ विरोध किया, जिसके बाद बीएमसी ने मंदिर परिसर में बची हुई जगह पर पूजा अर्चना की अनुमति दे दी।
विरोध के बाद बीएमसी ने मलबा हटा दिया और 19 अप्रैल की रात से मंदिर में पूजा पाठ का कार्य शुरू हो गया है। हालांकि, मंदिर के आसपास की दीवारें पूरी तरह से टूट चुकी हैं और दरवाजे भी गायब हैं, लेकिन फिर भी जैन समाज ने वहां पूजा शुरू कर दी है।
पुजारियों का कहना है कि यह उनकी बड़ी जीत है और जब तक मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वे चैन की सांस नहीं लेंगे। महिलाओं और पुरुषों ने भी सुबह से ही मंदिर में पूजा की और भगवान महावीर के सामने नतमस्तक हो रहे थे। आंसुओं के साथ उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनका मंदिर तोड़ा गया, वे इसे कभी माफ नहीं करेंगे।
बीएमसी के इस कदम के खिलाफ देशभर में जैन समाज के लोग विरोध कर रहे हैं। कई बीजेपी विधायक भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर चुके हैं। बीएमसी ने दावा किया है कि मंदिर का कुछ हिस्सा पहले से आवंटित जमीन पर बनाया गया था, जो एक अन्य परियोजना के तहत था, इसीलिए उसे तोड़ा गया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान जैन समाज के लोग काली पट्टी बांधकर बीएमसी के खिलाफ नारे लगा रहे थे और पूजा करने के बाद अपनी नाराजगी का इज़हार कर रहे थे।