
चंडीगढ़, 1 मार्च 2025
भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ड्रग्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की योजना बना रही है और उसने तीन महीने के भीतर राज्य से इस समस्या को खत्म करने की कसम खाई है। शुक्रवार को सीएम मान ने इस मुद्दे से लड़ने की रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद समय सीमा तय की गई।पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के अपने चुनावी वादे को दोहराते हुए मान ने कहा कि सरकार विशेष अदालतें स्थापित करेगी जो नशीले पदार्थों के मामलों में तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करेगी और दोषी पाए गए लोगों को सजा दिलाएगी। पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य के नशा विरोधी अभियान को नए सिरे से बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाए हैं। यह बैठक राज्य में नशे के खतरे के खिलाफ चल रहे अभियान की निगरानी के लिए कैबिनेट मंत्रियों की पांच सदस्यीय उप-समिति के गठन के एक दिन बाद हुई।वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता वाली उप-समिति में राज्य मंत्री अमन अरोड़ा, बलबीर सिंह, लालजीत सिंह भुल्लर और तरुणप्रीत सिंह सोंद शामिल हैं। इस उप-समिति को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने और नशामुक्ति कार्यक्रमों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी करने का काम सौंपा गया है।
शुक्रवार को हुई इस बैठक में राज्य भर के डिप्टी कमिश्नर, सीनियर एसपी और पुलिस कमिश्नर शामिल हुए। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, पुलिस महानिदेशक गौरव यादव और उप-समिति के सदस्य भी मौजूद थे। आधिकारिक बयान के अनुसार, मान ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में रोकथाम के उपाय किए जाने चाहिए ताकि युवा नशे की गिरफ्त में न आएं।
मान ने कहा कि शिक्षा विभाग नशे की लत के नुकसान के बारे में विस्तार से बताने वाले पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सप्लाई लाइन को बंद कर दिया जाना चाहिए और नशा बेचने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। मान ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नशा बेचने वालों और उनके परिवारों को कोई सब्सिडी या मुफ्त बिजली और पानी न मिले, ताकि यह एक निवारक के रूप में काम करे। उन्होंने नशे के खिलाफ जंग को जन अभियान में तब्दील करने का आह्वान करते हुए अधिकारियों से बड़ी कार्रवाई की योजना बनाने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के मामलों में दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति तत्काल प्रभाव से जब्त की जानी चाहिए।
पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक में विचार-विमर्श में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है और इस खतरे के खिलाफ अभियान शुरू कर रही है।उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का अमन-कानून व्यवस्था की खराब स्थितियों से निपटने का लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखेगी और आम जनता के सक्रिय समर्थन और सहयोग से राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है और उन्होंने इस नेक कार्य के लिए पुलिस और नागरिक प्रशासन को पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में निवारक उपाय किए जाने चाहिए ताकि युवा नशे की लत के शिकार न हों।






