रामबन, 21 अप्रैल 2025:
जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में रविवार रात हुई भीषण बारिश और ओलावृष्टि के बाद आई भूस्खलन और बाढ़ की विभीषिका ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया। रामबन के बागना इलाके में बादल फटने से हालात और भी भयावह हो गए। इस प्राकृतिक आपदा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई मकान, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए। इलाके में भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और लोग बेघर हो गए हैं।
स्थानीय निवासी ओम सिंह ने बताया कि जब वे सुबह मौके पर पहुंचे तो देखा कि उनका पूरा बाजार, जिसमें उनकी दुकान भी थी, पूरी तरह गायब हो चुका था। उन्होंने कहा, “ये पहली बार है जब मैंने कुछ ऐसा देखा है। पूरी ज़िंदगी की कमाई एक रात में खत्म हो गई।”
एक अन्य दुकानदार रवि कुमार ने बताया कि उनकी दो दुकानें थीं जिनमें लाखों का सामान था, लेकिन अब वहाँ कुछ भी नहीं बचा। स्थानीय लोगों ने सरकार से अपील की है कि उनकी मदद की जाए, कर्ज़ माफ़ किए जाएं क्योंकि अब उनके पास न दुकान है, न ज़मीन।
जम्मू के रहने वाले सुनील कुमार ने बताया कि वे श्रीनगर जाते समय रामबन में एक होटल में ठहरे थे। रात 3 बजे भूस्खलन के कारण होटल की दो मंजिलें मलबे में दब गईं। ऊपर की मंजिल पर करीब 15 लोग थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, सुनील की नई कार और अन्य 8-10 वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
एसएसपी रामबन कुलबीर सिंह ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है और अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया है कि स्थानीय प्रशासन लगातार काम कर रहा है और जरूरतमंदों को हरसंभव मदद दी जाएगी।
लोगों का कहना है कि यह त्रासदी उनकी कल्पना से परे थी और अब उनका भविष्य पूरी तरह अंधकार में है।