शिमला, 1 जुलाई 2025
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश कहर बनकर टूट पड़ी है। बीते 24 घंटे में राज्यभर से तबाही की खबरें आ रही हैं। सोमवार को शिमला के भट्टाकुफर इलाके में एक पांच मंजिला इमारत कुछ ही सेकंड में ढह गई। राहत की बात रही कि इसे पहले ही खाली करा लिया गया था। मंडी जिले के करसोग, पंडोह और थुनाग क्षेत्रों में बादल फटने, बाढ़ जैसे हालात और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, पूरे राज्य में कुल 285 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें मंडी की 129 और सिरमौर की 92 सड़कें शामिल हैं। इसके अलावा, 614 ट्रांसफार्मर और 130 वॉटर सप्लाई स्कीमें बाधित हो गई हैं। अब तक राज्य में बारिश जनित घटनाओं में 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 17 सड़क हादसों में हुई हैं।
मौसम विभाग ने शिमला, मनाली, कुल्लू, चंबा, बिलासपुर, धर्मशाला, हमीरपुर और कुफरी समेत कई जिलों में अगले दो दिन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जून में रिकॉर्ड 135 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 34 प्रतिशत अधिक है।
करसोग के पंजराट और मेगली गांवों में बादल फटने से घर और वाहन बह गए। मेगली में नाले का बहाव गांव के अंदर से हो रहा है, जिससे 8 घरों और 24 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। थुनाग, धर्मपुर और पंडोह में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
शिमला-चंडीगढ़ हाईवे समेत कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। सोलन जिले में सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग और चंडीगढ़-मनाली हाइवे का एक खंड प्रभावित है। प्रशासन ने NHAI को 24 घंटे मशीनरी और ट्रैफिक स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। शिमला और बिलासपुर के कई सरकारी स्कूलों में बाढ़ जैसे हालात के चलते छात्रों को छुट्टी देकर घर भेजा गया। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।