नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025 :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने हाल ही में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए इसे 6 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है। यह बड़ी दर कटौती फरवरी और अप्रैल में हुए दो लगातार 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौतियों के बाद की गई है। समिति ने मौद्रिक नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ में बदलते हुए संकेत दिया है कि अब विकास को समर्थन देने के लिए मौद्रिक नीति और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगी।
मोनेटरी पालिसी कंट्रोल(MPC) सदस्य राजीव रंजन ने कहा कि अप्रैल के बाद से प्राप्त आंकड़ों में महंगाई में अनुमान से अधिक नरमी देखी गई है। सरकार की आपूर्ति पक्ष की पहलों, दो वर्षों से RBI की सख्त नीति और अच्छा कृषि मौसम इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण हैं। इससे मौद्रिक नीति को विकास को प्रोत्साहन देने की नई लचीलापन और अवसर मिला है।
इसके साथ ही, RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है, जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर को 25-25 बेसिस प्वाइंट के चार चरणों में लागू होगी।
RBI ने FY26 के लिए खुदरा महंगाई (CPI) अनुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 2.82 प्रतिशत रह गई है, जो कि 75 महीनों का न्यूनतम स्तर है। अप्रैल में यह दर 3.2 प्रतिशत थी। खास बात यह है कि खाद्य महंगाई दर लगभग चार वर्षों में पहली बार 1 प्रतिशत से नीचे आई है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अच्छे मानसून की संभावना और कमोडिटी कीमतों में नरमी के चलते खाद्य व मूल महंगाई नियंत्रित रहने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि फ्रंट-लोड की गई दरों की कार्रवाई और तरलता में स्पष्टता से बाजार को सकारात्मक संकेत मिलेगा, जिससे उधारी की लागत कम होने से उपभोग और निवेश को बल मिलेगा।