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हरियाणा भूमि सौदा मामले में तीसरे दिन भी ED के समक्ष पेश हुए रॉबर्ट वाड्रा, जल्द आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जांच एजेंसी

नई दिल्ली, 17 अप्रैल 2025

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कारोबारी बहनोई रॉबर्ट वाड्रा 2008 के हरियाणा भूमि सौदे मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए गुरुवार को लगातार तीसरे दिन ईडी के समक्ष पेश हुए।

अधिकारियों ने बताया कि जांच के तहत 56 वर्षीय व्यक्ति से पिछले दो दिनों में दस घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई है और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया गुरुवार को भी जारी रहेगी।

वह अपनी पत्नी एवं वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सुबह 11 बजे के बाद मध्य दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे।

रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी की कार्रवाई को उनके और उनके परिवार के खिलाफ “राजनीतिक प्रतिशोध” से प्रेरित बताया था और कहा था कि हालांकि उन्होंने हमेशा एजेंसी के साथ सहयोग किया है और हजारों पृष्ठों के दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, लेकिन उन्हें इन मामलों में “समापन” की आवश्यकता है जो लगभग 20 साल पुराने हैं। रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में एक जमीन सौदे से जुड़ी है।

फरवरी 2008 का यह सौदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा किया गया था, जिसमें पहले रॉबर्ट वाड्रा निदेशक थे, क्योंकि इसने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से शिकोहपुर में 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी।

उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह ज़मीन रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।

यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में तब आया जब आईएएस अधिकारी अशोक खेमका, जो उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे, ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया।

उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने इस मामले को भूमि सौदों में “भ्रष्टाचार” और “भाई-भतीजावाद” का उदाहरण बताया था, तथा कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार के साथ वाड्रा के रिश्ते की ओर इशारा किया था। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एफआईआर दर्ज की थी।

इससे पहले दो अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में संघीय जांच एजेंसी वाड्रा से कई बार पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि ईडी जल्द ही वाड्रा के खिलाफ जांच किए जा रहे इन तीनों मामलों में आरोपपत्र दाखिल करेगी।

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