
अंशुल मौर्य
वाराणसी,27 मार्च 2025:
फिल्म ‘छावा’ की रिलीज़ के बाद औरंगजेब का नाम एक बार फिर चर्चा में है। नागपुर में उसकी कब्र हटाने की मांग को लेकर भड़की हिंसा की लपटें अब काशी तक पहुंच गई हैं। विश्व वैदिक सनातन न्यास ने यह दावा किया है कि औरंगाबाद मुहल्ले का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था, जबकि पहले इसे शिवनगर कहा जाता था। संगठन ने इस मुहल्ले का नाम बदलने की मांग करते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को एक ज्ञापन सौंपा है। इस मांग को हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय भाजपा पार्षदों का भी समर्थन मिल रहा है।
आज महापौर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में होने वाली कार्यकारिणी बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, औरंगाबाद का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर या नारायणी धाम करने की योजना बनाई जा रही है। यदि यह प्रस्ताव कार्यकारिणी और सदन से पारित हो जाता है, तो अंतिम निर्णय के लिए इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा।
कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने कहा कि केवल औरंगाबाद ही नहीं, बल्कि काशी के उन सभी मुहल्लों के नाम बदले जाएंगे जो मुस्लिम आक्रांताओं की याद दिलाते हैं। इस बीच, जिला प्रशासन भी इतिहासकारों के साथ मिलकर औरंगाबाद के प्राचीन नाम की खोज कर रहा है। काशी के ऐतिहासिक ग्रंथों और दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है ताकि वास्तविक सच्चाई सामने आ सके।
अब देखना यह होगा कि महापौर की बैठक में इस प्रस्ताव को कितनी सहमति मिलती है और काशी का यह मुहल्ला क्या नया नाम पाता है।