
लखनऊ, 4 सितंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के नगर निगम सदन की बैठक गुरुवार को भारी हंगामे की भेंट चढ़ गई। पक्ष-विपक्ष के पार्षदों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और अपशब्दों का इस्तेमाल किया। स्थिति बिगड़ने पर मेयर सुषमा खर्कवाल अपनी कुर्सी छोड़कर बैठक से बाहर चली गईं।
हंगामे की शुरुआत बैठक शुरू होते ही हो गई। पार्षद पिछले निर्णयों की पुष्टि पर अड़े रहे और माहौल गरमा गया। जब पत्रकारों ने इस पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड करना शुरू किया तो मेयर ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर पार्षद और भड़क गए और हंगामा और तेज हो गया।

करीब 20 मिनट बाद माहौल शांत होने पर सदन दोबारा शुरू हुआ और शहर की सफाई का मुद्दा उठा। पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम की सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी LSA अपने काम में नाकाम साबित हो रही है। नालियों की सफाई के नाम पर सिल्ट सड़क किनारे छोड़ दी जाती है, जिससे दुबारा नालियों में गंदगी भर जाती है और गलियों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। पार्षदों ने इसे “कूड़ा घोटाला” तक करार दिया।
उधर, कंपनी का पक्ष सामने आया कि सिल्ट फेंकने के लिए जगह की कमी है। साथ ही, नालियों की सफाई के लिए दिए गए 12 करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं हैं। उन्हें काम पूरा करने के लिए 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त की जरूरत है। बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बीच पार्षदों ने कंपनी LSA को ‘लूजर’ घोषित कर दिया। बैठक में हंगामा शांत नहीं हो सका और अपशब्दों का दौर जारी रहा।






