
मुंबई, 12 मार्च 2025
डॉलर के चार महीने के निम्नतम स्तर पर पहुंचने तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रहने से मंगलवार को रुपया शुरुआती गिरावट से उबरकर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 10 पैसे की बढ़त के साथ 87.21 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के रुख तथा अमेरिका में मंदी के डर और व्यापार संबंधी अनिश्चितताओं के बीच विदेशी पूंजी के बहिर्गमन से स्थानीय मुद्रा में सुधार सीमित रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.37 पर कमजोर खुला और शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 87.39 के दिन के निचले स्तर को छू गया। बाद में डॉलर के मुकाबले रुपया 87.17 तक उछला और अंत में 87.21 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 10 पैसे अधिक है।सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे टूटकर 87.31 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने रुपये में सुधार का श्रेय अमेरिकी डॉलर सूचकांक में कमजोरी और अमेरिका के 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड में गिरावट को दिया।उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कमजोर कीमतों और मिश्रित-से-सकारात्मक घरेलू बाजारों ने रुपये को समर्थन दिया, लेकिन एफआईआई निकासी ने तीव्र लाभ को सीमित कर दिया।चौधरी ने आगे कहा, “व्यापारी अमेरिका से JOLTS जॉब ओपनिंग डेटा से संकेत ले सकते हैं। इस सप्ताह अमेरिका और भारत से मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। USD-INR स्पॉट मूल्य 86.95 रुपये से 87.40 रुपये के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।”
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.58 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.35 पर कारोबार कर रहा था, जो 5 नवंबर के स्तर के करीब है।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.71 प्रतिशत बढ़कर 69.77 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के महत्वपूर्ण स्तर को पुनः प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है।घरेलू शेयर बाजार लगभग स्थिर रहे और 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 12.85 अंक अथवा 0.02 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 74,102.32 अंक पर आ गया तथा निफ्टी 37.60 अंक अथवा 0.17 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 22,497.90 अंक पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 2,823.76 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।वैश्विक वृहद आर्थिक मोर्चे पर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ संबंधी उनके कदमों के कारण उत्पन्न अनिश्चितता से जुड़ी व्यापारिक चिंताओं को कम करने का प्रयास किया है, तथा देश में ऊंची कीमतों के कारण मंदी की संभावना से इनकार नहीं किया है।
इस बीच, चीन ने ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर लगाए गए 20 प्रतिशत टैरिफ का जवाब देते हुए चिकन, पोर्क, सोयाबीन और बीफ सहित प्रमुख अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा दिया है। बढ़ते व्यापार तनाव के कारण सोमवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट आई।






