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संभल में बदल रही तस्वीर : तीर्थनगरी में सुरक्षा, पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर का नया दौर… थमी पलायन की प्रवृत्ति

सरकार ने लागू किया सुरक्षा, शिक्षा, औद्योगिक निवेश और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण पर आधारित पांच आयामी विकास मॉडल, 68 तीर्थों और 19 कूपों के पुनरुद्धार के लिए किया जा रहा काम

लखनऊ, 11 दिसंबर 2025:

यूपी सरकार संभल को तीर्थ, संस्कृति और विकास के केंद्र के रूप में पुनर्परिभाषित करने में जुटी है। लंबे समय तक उपेक्षा और तनाव की घटनाओं से जूझने वाले संभल में सरकार ने सुरक्षा, शिक्षा, औद्योगिक निवेश और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण पर आधारित पांच आयामी विकास मॉडल लागू किया है। इसके परिणामस्वरूप जिले में न केवल माहौल बदला है, बल्कि पलायन की प्रवृत्ति भी रुकने लगी है।

तीर्थनगरी संभल की पुरातन आस्था और ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। कभी अवैध कब्जों और कूड़ेघर में तब्दील हो चुके पवित्र ब्रह्मकूप को पुनर्जीवित कर इसे श्रद्धालुओं के लिए सुलभ बनाया गया है। जिले के 68 तीर्थों और 19 कूपों के पुनरुद्धार के लिए चरणबद्ध रूप से कार्य जारी है। पहले चरण में जीर्णोद्धार, जबकि दूसरे चरण में म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो और पर्यटन सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है।

12 प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए भूमि अधिग्रहण भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिले में एकीकृत कलेक्ट्रेट भवन, नया जिला कारागार, जिला न्यायालय और 24वीं वाहिनी पीएसी की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है।

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सड़कों को टू-लेन और फोर-लेन में परिवर्तित करने के साथ ही नगर विकास की वंदन योजना, वैश्विक नगरोदय योजना, झील एवं तालाब विकास योजना के तहत शहर का कायाकल्प हो रहा है। इसके अतिरिक्त 11.328 हेक्टेयर भूमि पर सीबीजी प्लांट की स्थापना की तैयारी संभल को ऊर्जा क्षेत्र में भी नई दिशा देने वाली साबित होगी।

शिक्षा व्यवस्था में भी संभल ने उल्लेखनीय प्रगति की है। संभल और बहजोई में संचालित 16 पीएमश्री विद्यालय आधुनिक सुविधाओं, स्मार्ट क्लास, विज्ञान प्रयोगशालाओं, एजुकेशन पार्क और औषधीय वाटिका के साथ निजी विद्यालयों को टक्कर दे रहे हैं। दिव्यांग छात्रों के लिए की गई प्रेरक व्यवस्थाओं के लिए सीएम योगी की ओर से डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया को सम्मानित किया जाना जिले की शिक्षा व्यवस्था की उपलब्धियों को दर्शाता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी संभल तेजी से उभर रहा है। अयोध्या की तर्ज पर 24 कोसी परिक्रमा मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। इससे श्रद्धालुओं को 68 तीर्थों का भ्रमण एक ही मार्ग से संभव होगा। सिसोना डांडा मेला को प्रांतीय मेला घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। महिष्मती नदी के पुनरुद्धार और दतावली गांव में पर्यटन स्थलों के विकास पर भी सरकार का फोकस है।

सुरक्षा के मोर्चे पर भी जिले में व्यापक बदलाव हुए हैं। संवेदनशील इलाकों से कब्जे हटाकर 39 पुलिस चौकियां स्थापित की गईं। 1300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एसपी केके विश्नोई किया ओर से शुरू की गई शिकायतों के डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली से फरियादियों को समयबद्ध समाधान मिलने लगा है।

जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए डीएम द्वारा ‘एक पुस्तक-एक पुष्प’ अभियान और ‘संभल संवाद’ एप जैसी पहल प्रशासन को जनता के और निकट लेकर आई हैं। योगी सरकार के नेतृत्व में संभल अपनी सांस्कृतिक पहचान को संजोते हुए सुरक्षा, विकास और आधुनिकता की नई राह पर आगे बढ़ रहा है।

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