अमित मिश्र
महाकुम्भ नगर,25 फरवरी 2025:
यूपी में आयोजित महाकुंभ में जहां साधु-संतों ने गाय संरक्षण की बात की, वहीं जयपुर के किसान राहुल शर्मा ने ‘बैल बचाओ अभियान’ की शुरुआत की। उनका कहना है कि रासायनिक खेती से उत्पादन तो बढ़ रहा है, लेकिन इससे जमीन अपनी उर्वरता खो रही है और किसानों को नुकसान हो रहा है।
जयपुर के किसान राहुल शर्मा ने महाकुंभ के सेक्टर-8 में अपने जीवन का दर्द साझा करते हुए बताया कि तीन साल तक खेती करने के बाद उन्हें 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इससे निराश होकर उन्होंने आत्महत्या तक का विचार कर लिया था। लेकिन इसके बजाय उन्होंने प्राकृतिक खेती और बैलों के संरक्षण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया।
बैल के बिना अधूरी है गाय
राहुल शर्मा ने कहा कि देश में पहले 64 नस्लों की गायें थीं, लेकिन अब केवल 40 ही बची हैं और 24 नस्लें पूरी तरह विलुप्त हो चुकी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लोग गाय की चिंता करते हैं, लेकिन बैलों की बात नहीं करते। उन्होंने यह भी बताया कि गोशालाओं में हजारों गायें होती हैं, लेकिन उनके साथ जन्मे बछड़ों का सही संरक्षण और संवर्धन नहीं किया जाता।
प्राकृतिक खेती और गोबर खाद को दे रहे बढ़ावा
राहुल शर्मा अब ‘बैल बचाओ अभियान’ के तहत किसानों को जागरूक कर रहे हैं। वे प्राकृतिक खेती और गोबर खाद के फायदों को समझाकर किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। उनका मानना है कि बैलों का संरक्षण किया जाए तो खेती की लागत घटेगी, मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे।