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कमीशनबाजी में डूबे स्कूल, एनसीईआरटी की किताबें गायब मिलीं, 44 को मिली नोटिस

संतोष देव गिरि

मिर्जापुर,14 मई 2025:

यूपी के मिर्जापुर जिले में निजी स्कूल अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं इसकी पोल पट्टी खुद शिक्षा विभाग के निरीक्षण में खुली है। यहां सरकार द्वारा निर्धारित एनसीईआरटी की किताबों की जगह निजी प्रकाशनों की किताबों से पढ़ाई होती मिली। इसके बदले अभिभावकों से मोटी रकम वसूल कर कमीशनबाजी से स्कूल मालिकों ने लाखों कमाए। शिक्षा विभाग के निरीक्षण में यहां ट्रेंड शिक्षक भी नहीं मिले। फिलहाल 44 निजी स्कूलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।

बीएसए ने गठित की थी टीम, तीन दिन में 44 स्कूलों की हुई जांच

दरअसल जिले में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी को लेकर कई बार शिकायतें की गईं थीं। इसी के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में विभाग द्वारा निर्धारित सिलेबस व किताबों का प्रयोग न करने व शासनादेश के अनुरूप शिक्षकों की योग्यता को जांचने समेत 41 बिंदुओं पर जांच कराने का निर्णय लिया था। इसके तहत खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं जिला समन्वयकों के संयुक्त टीम गठित कर जांच करायी गई। टीम ने तीन दिन में 44 विद्यालयों की जांच की गयी।

41 स्कूलों में गायब मिलीं एनसीईआरटी की बुक्स, निजी प्रकाशनों की महंगी किताबें दिखीं

जांच रिपोर्ट देखकर अफसर भी चौंक पड़े। 44 स्कूलों में सिर्फ तीन में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई होते मिली। बाकी एक भी स्कूल में सरकारी आदेशों का पालन होते नहीं दिखा। इन स्कूलों निजी प्रकाशनों की महंगी किताबों से पढ़ाई करवाई जा रही थी। इन किताबों के बदले अभिभावकों ने मोटी कीमत चुकाई और स्कूल मालिकों ने कमीशन में भारी रकम वसूल की।

स्कूलों में नहीं थे ट्रेंड शिक्षक, मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में मिला खेल

यही नहीं जांच में सिर्फ एक स्कूल ऐसा मिला जहां शासनादेश के अनुकूल ट्रेंड शिक्षक पढ़ाते मिले। बाकी स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक थे ही नहीं कम वेतन देकर अयोग्य शिक्षकों के हाथ में क्लास की जिम्मेदारी सौंप दी गई। ये भी नहीं देखा गया कि शिक्षक किस क्लास के छात्रों को पढ़ाने में सक्षम है। रिपोर्ट देखकर हो रही मनमानी पर अचरज में पड़े बीएसए ने इन 44 स्कूलों को नोटिस भेजी है। शर्मनाक बात ये है कि नोटिस पाने वाले तमाम निजी स्कूल जिला मुख्यालय पर भी संचालित हो रहे हैं लेकिन विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। शिक्षा विभाग की कार्रवाई नोटिस से आगे बढ़ पाएगी ये समय ही बताएगा।

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