लखनऊ, 21 दिसंबर 2025:
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्वास को मजबूती देने के मकसद से शक्ति सदन योजना जोर शोर से लागू की जा रही है। मिशन शक्ति के तहत संचालित इस योजना के जरिए घरेलू हिंसा, पारिवारिक विवाद और अन्य संकटों से जूझ रहीं महिलाओं को महफूज ठिकाने के अलावा जरूरी मदद भी मिलेगी।
11 जिलों में योजना का विस्तार, 14 सदन संचालित
योगी सरकार ने शक्ति सदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाते हुए इसे प्रदेश के 11 जिलों तक विस्तार दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि संकटग्रस्त महिलाओं को अपने जिले या नजदीकी क्षेत्र में ही सुरक्षित ठिकाना मिल सके और उन्हें लंबी दूरी तय न करनी पड़े। प्रदेश में कुल 14 शक्ति सदन संचालित किए जा रहे हैं। मथुरा जिले में चार शक्ति सदन स्थापित किए गए हैं, जबकि अलीगढ़, आजमगढ़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, चित्रकूट, झांसी, गोंडा, बस्ती, मिर्जापुर, वाराणसी और सहारनपुर में एक-एक शक्ति सदन की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक शक्ति सदन में 50 महिलाओं के रहने की क्षमता निर्धारित की गई है।

जारी हुई 1.75 करोड़ की पहली किश्त
शक्ति सदन के सुचारु संचालन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 1 करोड़ 75 लाख रुपये की पहली किश्त जारी कर दी गई है। इस राशि का उपयोग भवन व्यवस्था, संचालन और जरूरी संसाधनों को उपलब्ध कराने में किया जा रहा है, ताकि महिलाओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
काउंसिलिंग के साथ पुनर्वास पर भी जोर
शक्ति सदन में घरेलू हिंसा से पीड़ित, भूली-भटकी, जेल से रिहा हुई और पारिवारिक विवाद से परेशान महिलाओं को अस्थायी संरक्षण दिया जाता है। यहां काउंसिलिंग के माध्यम से उन्हें मानसिक और सामाजिक सहयोग दिया जाता है, जिससे वे आत्मविश्वास हासिल कर सकें और परिवार व समाज में सम्मान के साथ पुनर्वास की दिशा में आगे बढ़ सकें।
महिला सुरक्षा व सम्मान पर सरकार संवेदनशील
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि महिला सुरक्षा और सम्मान सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। शक्ति सदन योजना इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिलाओं के कल्याण को लेकर संवेदनशील और सक्रिय है। मिशन शक्ति के जरिए प्रदेश में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं को जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।






