लखनऊ, 11 नवंबर 2025 :
आज एक ऐसा दिन है जब भक्ति और खुशी का माहौल घर-घर में फैलता है। वह दिन है मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी, यानी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी। इस वर्ष यह खास दिन 11 नवंबर, मंगलवार को पड़ रहा है। यह समय भगवान कृष्ण की पूजा और प्रेम भक्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से ना सिर्फ आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि कर्मों में संतुलन आता है और भगवान के प्रति समर्पण की भावना और भी मजबूत होती है। घर में सुख, शांति और खुशहाली बनाए रखने के लिए मासिक जन्माष्टमी की रात को विशेष रूप से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
शुभ योग और मुहूर्त क्या है?
द्रिक पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 8 मिनट तक है। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और शुक्ल योग बनने से दिन का महत्व और बढ़ गया है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि क्या है?
इस दिन सुबह नित्यकर्म और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करके चौकी पर लड्डू गोपाल की प्रतिमा रखें। पंचामृत से उनका अभिषेक करें। लड्डू गोपाल को पीले वस्त्र और पीले फूलों से सजाएं।
कैसे करें लड्डू गोपाल का भोग और आरती?
‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते हुए उन्हें तुलसी की माला, खीर, माखन, मिश्री और फल अर्पित करें। अंत में देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और बुरी नजर व नकारात्मक ऊर्जा से परिवार की रक्षा होती है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी न केवल पूजा का दिन है बल्कि भक्ति, समर्पण और आध्यात्मिक ऊर्जा से जीवन को सकारात्मक बनाने का अवसर भी है।







