लखनऊ, 20 फरवरी 2025
यूपी विधानसभा में गुरुवार को पेश हुए सरकार के बजट पर सपा व बसपा मुखिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने इसे अंदर से खोखले तेज आवाज वाले ढोल की संज्ञा दी तो मायावती ने इसे बुनियादी जरूरतों के प्रति सरकारी नीति व नीयत के अभाव वाला करार दिया।

मीडिया से मुखातिब होकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा आम जनता के लिए इसमें कुछ नहीं है लोग कह रहे हैं कि सरकार का प्रवचन तो गया है अब बजट कब आएगा।अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं है। बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता है सवाल ये है कि इसमें युवा, किसान और बेरोजगारों और महिलाओं को क्या मिला है। इस वर्ष के बाद योगी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी जिसके बाद नई सरकार सत्ता में आएगी। बिना विजन वाला बजट है। इसे देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें उभर आई हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि इंजन यहीं है और डिब्बे वहां पहुंच गए।
मायावती ने कहा- बजट व्यापक जनहित व जनकल्याण का होता तो बेहतर होता
इधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जारी बयान में कहा कि यूपी सरकार द्वारा विधानसभा में आज पेश 2025-26 का बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो यह बेहतर होता, जबकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव है। कुल मिलाकर, यूपी भाजपा सरकार का बजट भी पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है, जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुँचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए।