लखनऊ, 20 नवंबर 2025 :
मार्गशीर्ष मास की दर्श अमावस्या 2025 बुधवार को सुबह 9 बजकर 44 मिनट से शुरू हुई और आज 20 नवंबर, गुरुवार दोपहर 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। यह दिन भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है और इसे राष्ट्रीय रूप से पुण्य और तिथि के अनुसार महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए स्नान, पूजा और दान से जीवन में सुख-समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
दर्श अमावस्या पर क्या करें दान
विशेष शास्त्रीय परंपरा के अनुसार इस दिन काले तिल और उड़द की दाल का दान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है और शनि के प्रभाव से राहत मिलती है। जरूरतमंदों को यह दान देना बेहद शुभ माना जाता है।
साथ ही, इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को कंबल दान करना भी लाभकारी होता है। कंबल देने से जीवन में समस्याएं कम होती हैं और घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह दान खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पैसों की कमी से परेशान हैं।
पितरों के लिए दीपदान करना न भूलें
अमावस्या की शाम को पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए दीपदान करें। दक्षिण दिशा की ओर तिल के तेल से भरा दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। दीपदान से कार्यों में सफलता और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

कैसे बढ़ाएं अपने पुण्य और समृद्धि
एक ही पास और चीज को कई बार दान न करें, अलग-अलग दान करना श्रेष्ठ है।
सुबह स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर दान करें।
जरूरतमंदों को सम्मान और प्रेम के साथ वस्तुएं दें।
अमावस्या के दिन अच्छे विचार और नकारात्मकता से दूर रहें।
समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद
दर्श अमावस्या 2025 आपके लिए केवल एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि सुख, समृद्धि और परिवार के लिए आशीर्वाद का दिन है। इस दिन सही विधि और दान के साथ आपका पुण्य बढ़ता है और जीवन में खुशहाली आती है।






