
कोलंबो, 6 अप्रैल 2025
श्रीलंका ने रविवार को विशेष सद्भावना के तहत कम से कम 11 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मछुआरों के विवादास्पद मुद्दे को “मानवीय दृष्टिकोण” से सुलझाने की वकालत करने के एक दिन बाद उठाया गया।
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के बीच वार्ता के दौरान मछुआरों का मुद्दा प्रमुखता से उठा। दिसानायके से मुलाकात के बाद मोदी ने मीडिया को दिए बयान में कहा, “हमने मछुआरों की आजीविका से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। हम इस बात पर सहमत हुए कि हमें इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हमने मछुआरों और उनकी नौकाओं की तत्काल रिहाई पर भी जोर दिया।”
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि विशेष सद्भावना के तहत कम से कम 11 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया। मछुआरों का मुद्दा दोनों पक्षों के बीच संबंधों में एक विवादास्पद मुद्दा है।
अतीत में श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों द्वारा पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों के विरुद्ध बल प्रयोग की कई कथित घटनाएं हुई हैं। पाक जलडमरूमध्य तमिलनाडु को श्रीलंका से अलग करने वाली एक संकरी जल पट्टी है। शनिवार को मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मछुआरों के मुद्दे पर “काफी विस्तार से” चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “जैसा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने वक्तव्य में कहा, इन मुद्दों पर सहयोग के लिए मानवीय और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया, क्योंकि ये ऐसे मुद्दे हैं जो अंततः पाक खाड़ी के दोनों ओर के मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करते हैं।”
मिसरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आखिरकार यह मछुआरों के लिए एक दैनिक मुद्दा है और हाल के दिनों में की गई कुछ कार्रवाइयों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।”
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर संस्थागत चर्चा को तेज करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष श्रीलंका और भारत के बीच मछुआरा संघ वार्ता के अगले दौर के आयोजन की संभावना पर एक-दूसरे के संपर्क में हैं।”






