लखनऊ, 12 दिसंबर 2025:
यूपी एसटीएफ ने बहराइच जिले की नेपाल सीमा पर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले रैकेट के मुख्य सरगना प्रमोद कुमार निषाद को धरदबोचा। आरोपी नेपाल भागने की कोशिश में था, लेकिन तड़के हुई घेराबंदी में पकड़ा गया। उसके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्जी दस्तावेज और एक कार सहित अहम सामग्री बरामद की गई।
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल बॉर्डर पर अवैध तरीके से आधार कार्ड बनाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पता चला कि मुर्तिहा थाना क्षेत्र में 29 अक्तूबर 2025 को दर्ज मुकदमे में इस नेटवर्क के कई सदस्य पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। उनकी पूछताछ में सेमरी गांव के प्रमोद का नाम प्रमुख रूप से सामने आया। इसके बाद साइबर विशेषज्ञों की मदद से उसकी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई गई।
शुक्रवार तड़के करीब 4:30 बजे प्रमोद रजनवा बॉर्डर के पास नेपाल जाने की कोशिश कर रहा था। तभी एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्त में ले लिया। पकड़े जाने के दौरान उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल, फर्जी दस्तावेज, बायोमैट्रिक और रेटिना स्कैनर, वेबकैम, चेकबुक, एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, 2680 रुपये और एक कार मिली। आरोपी को मुर्तिहा कोतवाली की उसी मामले में शामिल कर कार्रवाई की गई।
पूछताछ में प्रमोद ने बताया कि उसने 2021 में जनसेवा केंद्र खोलकर ऑनलाइन कार्य शुरू किया था। करीब एक साल पहले उसकी टेलीग्राम पर अकील सैफी नाम के व्यक्ति से बातचीत हुई, जिसने आधार कार्ड और डिजिटल सर्टिफिकेट तैयार करने का पोर्टल उपलब्ध कराने की बात कही। प्रमोद ने 35 हजार रुपये भेजकर उससे आईडी-पासवर्ड हासिल किया और एनीडेस्क के जरिए पूरा सिस्टम सेट करवाया।
आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि उसने जनवरी से मार्च 2025 के बीच लगभग 2,500 फर्जी आधार कार्ड तैयार किए। वह पोर्टल पर फर्जी जन्म और निवास प्रमाणपत्र के विवरण अपलोड करता था, जिसके बाद कुछ ही मिनट में फर्जी प्रमाणपत्र तैयार हो जाते थे।
एएसपी ने बताया कि आरोपी के बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट की जांच की जा रही है। पोर्टल डेवलपर, फर्जी आईडी सप्लायर और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, जिससे पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।






