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सर्बिया में छात्रों की क्रांति: राष्ट्रपति वुसिक के खिलाफ उग्र आंदोलन ने पकड़ा जोर

बेलग्रेड, 30 जून 2025
सर्बिया में छात्र आंदोलन ने अब क्रांति का रूप ले लिया है। आठ महीने पहले एक रेलवे हादसे से शुरू हुआ यह विरोध अब राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के तख्त को हिला रहा है। राजधानी बेलग्रेड सहित देश के कई हिस्सों में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं और हालात गृहयुद्ध जैसे बनते जा रहे हैं।

इस आंदोलन की शुरुआत 1 नवंबर 2024 को नोवी साड शहर में एक रेलवे स्टेशन की छत गिरने की घटना से हुई थी, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर जनता के गुस्से को भड़का दिया। शुरुआत में यह आंदोलन स्थानीय था, लेकिन धीरे-धीरे यह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में बदल गया।

प्रदर्शनकारियों की अगुवाई विश्वविद्यालयों के छात्र कर रहे हैं। इनका आरोप है कि राष्ट्रपति वुसिक की सरकार तानाशाही पर उतर आई है और आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं बची है। अब ये प्रदर्शन वुसिक के इस्तीफे की मांग तक पहुंच गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक हादसे का विरोध नहीं, बल्कि देश की ‘आजादी की लड़ाई’ है।

आंदोलन के बढ़ते दबाव के कारण सर्बिया के प्रधानमंत्री मिलोस वुचेविच ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन राष्ट्रपति वुसिक अब भी पद पर कायम हैं। सोशल मीडिया पर यह आंदोलन वायरल हो रहा है और लोग इसे पुतिन समर्थक वुसिक के 12 साल पुराने शासन के अंत की शुरुआत मान रहे हैं।

सर्बिया की सड़कों पर अब लोकतंत्र और बदलाव की मांग गूंज रही है, और यह संकट न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया की नजरें अपनी ओर खींच रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन सर्बिया को गंभीर राजनीतिक संकट में धकेल सकता है।

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