
बालासोर, 15 जुलाई 2025 –
भारत ने आज अपनी रक्षा ताकत में एक और ऐतिहासिक इजाफा किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के बालासोर तट से एक्सटेंडेड ट्राजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल ध्वनि की गति से आठ गुना तेज यानी मैक 8 (लगभग 11,000 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है और 1,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है।
DRDO द्वारा विकसित यह मिसाइल ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ का हिस्सा है और इसे मौजूदा वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। ET-LDHCM को स्क्रैमजेट इंजन से संचालित किया गया है, जो इसे परंपरागत रॉकेट की तुलना में अधिक गति और लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता प्रदान करता है। खास बात यह है कि यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है, जिससे यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आती।
ET-LDHCM पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियारों को ढोने में सक्षम है। इसका पेलोड क्षमता 1,000 से 2,000 किलोग्राम तक है और इसे जमीन, समुद्र या वायु से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल उड़ान के दौरान दिशा भी बदल सकती है, जिससे दुश्मन को भ्रम में डालना आसान होता है।
ब्रह्मोस मिसाइल की तुलना में यह मिसाइल न सिर्फ ज्यादा दूरी तक मार करने में सक्षम है, बल्कि इसकी गति भी तीन गुना अधिक है। ब्रह्मोस की रफ्तार जहां मैक 3 है, वहीं ET-LDHCM मैक 8 की रफ्तार से उड़ती है। इससे भारत की रणनीतिक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
अगर यह प्रणाली पूरी तरह सफल रही, तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसके पास ऑपरेशनल हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक यह परीक्षण पाकिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है।






