आशुतोष तिवारी
सुल्तानपुर, 18 जून 2025:
यूपी के सुल्तानपुर में सिविल सर्विसेज (यूपीएससी) की तैयारी कर रहे एक युवक को आईएएस अफसर बनवाने का झांसा देकर कुछ लोगों ने करीब 38 लाख रुपये की ठगी कर डाली। आरोपियों ने नकली एडमिट कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र और भारत सरकार की जाली मुहरों का इस्तेमाल कर पूरे घटनाक्रम को असली जैसा दिखाया। इस मामले में पुलिस ने एक अधिवक्ता, उसके बेटे सहित सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
यह मामला सुल्तानपुर नगर में सांडिल्य सदन निवासी प्रांजल त्रिपाठी ने दर्ज कराया है। प्रांजल का कहना है कि वह वर्ष 2022 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दे चुका था। इसी दौरान उसकी मुलाकात कूरेभार क्षेत्र के रहने वाले अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी के पुत्र प्रणव द्विवेदी से हुई। प्रणव ने खुद को केंद्रीय मंत्रियों का करीबी बताकर दावा किया कि वह कई युवाओं को आईएएस और पीसीएस बना चुका है। प्रांजल के अनुसार प्रणव ने जनवरी 2023 में उसे एक फर्जी UPSC मेन्स और इंटरव्यू का एडमिट कार्ड थमाया, जिस पर उसकी फोटो भी लगी थी। फिर अलग-अलग बैंक खातों में ठगी के पैसे मंगवाए गए। आरोप है कि बजरंग द्विवेदी के खाते में 26.50 लाख, पड़ोसी मनीष दूबे के खाते में 7 लाख, मित्र श्रेयांश अग्रहरि के खाते में 80 हजार और दीपक पटेल की दुकान के माध्यम से 2 लाख रुपये लिए। इसके अलावा यूपीआई से भी 10,500 रुपये की वसूली की गई।
आरोपों के मुताबिक प्रणव ने साथी राज मिश्रा के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र दिया, जिस पर भारत सरकार की मुहर लगी थी। नियुक्ति तिथि 22 जून 2023 अंकित थी। जब नियुक्ति नहीं हुई, तो अगस्त 2024 में प्रांजल के पड़ोसी मनीष दूबे को भी जाली नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। प्रणव द्विवेदी ने सीडीओ, डीएम और एसडीएम पदों पर नियुक्ति का झांसा देते हुए मीडिया या पुलिस में शिकायत करने पर धमकी दी। बाद में कार गिरवी रखने की योजना बनाई गई और 12–14 लाख रुपये के नकली ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट तैयार किए गए। इस आधार पर आरोपी बजरंग द्विवेदी अब पैसे वापस करने से इनकार कर रहा है। आरोपियों ने फर्जी आरटीजीएस स्लिप भी भेजीं। फर्जी एग्रीमेंट बनाकर पैसे न लौटाने की धमकी भी दी गई।
प्रांजल की शिकायत पर एसपी के निर्देश से कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों में प्रणव द्विवेदी, बजरंग द्विवेदी, मनीष द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, राज मिश्रा, श्रेयांश अग्रहरि और दीपक पटेल शामिल हैं। एएसपी अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि मामला प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हो रहा है, लेकिन केस की जांच के बाद साक्ष्य के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।