DelhiNational

सुप्रीम कोर्ट के जज बीआर गवई ने लाइवस्ट्रीम वीडियो के दुरुपयोग पर जताई चिंता

नई दिल्ली,11 मार्च 2025

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने अदालती कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कोर्ट की सुनवाई के वीडियो क्लिप काटकर सोशल मीडिया पर डालते हैं, जिससे कई बार गलत जानकारी फैलती है। उन्होंने स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे और इसका गलत इस्तेमाल न हो।

वर्चुअल हियरिंग और लाइवस्ट्रीमिंग के फायदे

केन्या के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में जस्टिस गवई ने भारतीय न्यायपालिका के तकनीकी अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि वर्चुअल हियरिंग और लाइवस्ट्रीमिंग से न्याय तक पहुंच आसान हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है। हालांकि, उन्होंने इस तकनीक के दुरुपयोग को लेकर चिंता भी जताई।

गलत जानकारी और बौद्धिक संपदा पर सवाल

जस्टिस गवई ने कहा, “अदालती कार्यवाही के छोटे-छोटे क्लिप संदर्भ से हटाकर पेश किए जाते हैं, जिससे गलत रिपोर्टिंग और न्यायिक चर्चाओं की गलत व्याख्या होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स इन क्लिप्स को अनधिकृत रूप से अपलोड कर इससे कमाई कर रहे हैं, जिससे बौद्धिक संपदा अधिकारों और न्यायिक रिकॉर्डिंग के स्वामित्व को लेकर गंभीर प्रश्न उठते हैं।

उन्होंने न्यायपालिका से लाइवस्ट्रीमिंग कार्यवाही के उपयोग पर स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने का आग्रह किया, ताकि पारदर्शिता, जन जागरूकता और जिम्मेदाराना उपयोग के बीच संतुलन बना रहे।

एआई के उपयोग में सतर्कता की जरूरत

जस्टिस गवई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को न्यायपालिका के लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग केस मैनेजमेंट, लिस्टिंग और शेड्यूलिंग में किया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक बाधाएं कम हो रही हैं। हालांकि, उन्होंने कानूनी शोध में एआई के उपयोग से जुड़ी नैतिक चिंताओं को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को तकनीक और नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि इसका सही उपयोग हो और गलत जानकारी फैलने से बचा जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button