नई दिल्ली,10 फरवरी 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाते हुए अंतरिम राहत दी है। यह मामला उनके द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई एक कविता से जुड़ा है, जिसे पुलिस ने भड़काऊ समझा था। न्यायमूर्ति एएस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुलिस और हाईकोर्ट कविता के सही अर्थ को समझने में असफल रहे। अदालत ने कहा कि यह कविता किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि शांति और अहिंसा का संदेश देती है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कविता को सही संदर्भ में देखने को कहा और एफआईआर पर आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
यह एफआईआर जामनगर के सिटी ए-डिवीजन पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिनमें सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने और वैमनस्य फैलाने के आरोप शामिल थे। इससे पहले, गुजरात हाईकोर्ट ने प्रतापगढ़ी की एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि एक सांसद होने के नाते उन्हें अधिक संयम बरतना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कविता का सही विश्लेषण करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।