Delhi

राशन वितरण पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, आत्मनिर्भरता की तरफ कब बढ़ेगी सरकार?

नयी दिल्ली, 10 दिसम्बर 2024:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की मुफ्त राशन वितरण नीति पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि यह व्यवस्था कब तक जारी रहेगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने केंद्र से कहा कि सरकार को रोजगार के अवसर पैदा करने और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सकें।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को सूचित किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 81.35 करोड़ लोग मुफ्त या रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर रहे हैं। इस पर न्यायालय ने टिप्पणी की कि इसका मतलब है कि केवल करदाता ही इस योजना से बाहर हैं।

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने “ई-श्रम” पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि कई श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इस पर न्यायालय ने कहा कि मुफ्त राशन वितरण एक अस्थायी समाधान है; सरकार को रोजगार के अवसर और कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सकें।
न्यायालय ने यह भी चिंता व्यक्त की कि यदि राज्यों को सभी प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन देने का निर्देश दिया जाता है, तो वे इसे केंद्र की जिम्मेदारी मानकर अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं। इसलिए, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय आवश्यक है, ताकि प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी प्रवासी श्रमिकों के कल्याण से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया गया था। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे रोजगार सृजन और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि मुफ्त राशन पर निर्भरता कम हो और लोग आत्मनिर्भर बन सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button