लखनऊ, 31 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में अहिमामऊ की स्वास्तिका सिटी में रास्ते पर अवैध कब्जे की कोशिश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह से जुड़ने के चलते और भी सुर्खियों में आ गया है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, जौनपुर जनपद के महाराजगंज की ब्लॉक प्रमुख मांडवी सिंह के पति विनय सिंह, उनके सरकारी गनर व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं, एकतरफा कार्रवाई करने और शिकायतकर्ताओं की सुनवाई न करने के आरोप में सुशांत गोल्फ सिटी के इंस्पेक्टर (SHO) उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

स्वास्तिका सिटी में रहने वाले कौशल तिवारी ने पुलिस को बताया कि उनके बगल में विनय सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर 4500 वर्गफुट जमीन लेकर मकान बनवाया है। बैनामे में दक्षिण दिशा में 20 फीट चौड़ी सड़क दर्शाई गई है। उस पर कई साल से लोगों का आवागमन होता आ रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पूर्व सांसद के करीबी धनंजय सिंह के करीबी बताए जा रहे विनय सिंह दबंग प्रवृत्ति के हैं। वे अपने साथ सरकारी गनर व कई असलहाधारी रखते हैं। विनय खुद को पूर्व सांसद धनंजय सिंह का रिश्तेदार बताते हैं।

मालूम हो कि स्वास्तिका सिटी में ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह का आलीशान बंगला और उनके करीबी STF के बर्खास्त सिपाही एवं कफ सिरप तस्करी मामले के आरोपी आलोक सिंह की कोठी भी है। आरोप के अनुसार विनय सिंह ने विवादित रास्ते पर सोमवार को ईंट की दीवार खड़ी कर मार्ग को बंद करने का प्रयास किया। जब कॉलोनी निवासियों ने इसका विरोध किया तो कथित रूप से विनय ने लाइसेंसी राइफल निकालकर कौशल तिवारी को धमकाया और मारने के लिए दौड़ा लिया।
वहीं, विनय के साथ मौजूद सरकारी गनर पर आरोप है कि उसने कॉलोनी निवासी रामू के साथ जातिसूचक टिप्पणियां और मारपीट की। बताया जा रहा है कि हमले के दौरान रामू बेहोश हो गए। इस घटना के बाद इलाके में दहशत और तनाव का माहौल पैदा हो गया है।

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि विरोध के दौरान विनय सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फोन मिलाया और कॉलोनीवासियों से उनसे बात करने को कहा जिसे उन्होंने मना कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो भी बना लिया। वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जब वे अवैध कब्जे के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने उनका प्रार्थना पत्र फाड़ दिया और उन्हें भगा दिया। यही नहीं उल्टा विनय सिंह की तहरीर पर कौशल तिवारी, धीरेंद्र मणि त्रिपाठी और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी गई।

स्थिति बिगड़ने पर कॉलोनीवासियों ने पुलिस आयुक्त से मिलकर शिकायत की। इसके बाद उनके पक्ष की रिपोर्ट दर्ज की गई। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के आरोपों की जांच कर रही है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वे न्याय और रास्ते के पुनः खुलवाने की मांग के साथ संघर्ष जारी रखेंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।







