
हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर,16 अप्रैल 2025:
गर्मी का मौसम आते ही बाजारों में तरबूज, खरबूजा और आम जैसे रसीले फलों की भरमार देखने को मिलती है। खासतौर पर तरबूज को हेल्दी डाइट का हिस्सा माना जाता है, क्योंकि इसमें 92% तक पानी होता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही इसमें फाइबर, पोटैशियम, आयरन, विटामिन A, C और B काम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में बाजार में बिक रहे कुछ तरबूज सेहत के लिए मीठे ज़हर में तब्दील हो चुके हैं।
गोरखपुर समेत देश के कई शहरों में शादी-विवाह और गर्मी के सीजन में तरबूज की मांग बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाते हुए कुछ लालची व्यापारी और मुनाफाखोर ज्यादा प्रॉफिट कमाने के चक्कर में केमिकल युक्त तरबूज धड़ल्ले से बेच रहे हैं। ये तरबूज प्राकृतिक रूप से पकाए नहीं जाते, बल्कि इन्हें कृत्रिम तरीके से पकाने और रंग देने के लिए खतरनाक केमिकल्स और इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
किन केमिकल्स का होता है इस्तेमाल?
तरबूज को जल्दी पकाने और आकर्षक लाल रंग देने के लिए कई बार उन्हें लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो, सुडान रेड जैसे आर्टिफिशियल डाई से रंगा जाता है। वहीं, इन्हें जल्दी बड़ा और मीठा करने के लिए कैल्शियम कार्बाइड और ऑक्सीटोसिन जैसे हानिकारक केमिकल्स या इंजेक्शन लगाए जाते हैं। ये केमिकल्स ना सिर्फ फलों के पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं, बल्कि उन्हें सेहत के लिए घातक बना देते हैं।
CMO गोरखपुर: किडनी और फेफड़ों के लिए खतरनाक है ये फल
गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. राजेश झा के अनुसार, ऐसे तरबूज दिखने में अधिक लाल होते हैं, लेकिन काटने पर बीच का भाग गला हुआ और अधिक नरम नजर आता है। ये तरबूज 1-2 दिन में ही खराब हो जाते हैं।
इन फलों को खाने से शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। खासतौर पर ये किडनी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा ब्रेन डैमेज, एनीमिया, पाचन तंत्र की समस्याएं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। लगातार केमिकल युक्त फल खाने से शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं, जो धीरे-धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं।
कैसे करें पहचान?
केमिकल युक्त तरबूज की पहचान करना मुश्किल जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। ऐसे तरबूज आमतौर पर बहुत ज्यादा लाल दिखते हैं और इनमें प्राकृतिक मिठास की जगह कृत्रिम स्वाद महसूस होता है। काटने पर यदि बीच का हिस्सा गला हुआ या पानी जैसा लगे, तो सावधान हो जाएं। सही तरबूज खरीदने के लिए विश्वसनीय दुकानों से ही फल लें और हो सके तो कटे हुए तरबूज न खरीदें।
क्या करें?
- हमेशा प्राकृतिक रूप से पके फलों को प्राथमिकता दें।
- फल खरीदने के बाद उन्हें अच्छी तरह पानी से धोएं।
- घर पर ऑर्गेनिक या स्थानीय उत्पादकों से फल खरीदने की कोशिश करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को बिना जांचे तरबूज जैसे फल देने से बचें।
सेहत से किसी तरह का समझौता न करें। थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता आपको और आपके परिवार को केमिकल युक्त ‘मीठे ज़हर’ से बचा सकती है। इस गर्मी तरबूज जरूर खाएं, लेकिन सही पहचान के साथ।






