पटना, 6 मार्च 2025
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में आती है तो बिहार में “100 प्रतिशत अधिवास नीति” लागू की जाएगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री एक ‘युवा पंचायत’ (युवा सम्मेलन) को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने राज्य के लोगों के बीच सरकारी नौकरियों के प्रति प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए कई वादे किए। यादव ने तीखे लहजे में पूछा, “क्या बिहार में अधिवास नीति होनी चाहिए?” और जब भीड़ ने “हां” कहा, तो उन्होंने कहा, “हम राज्य के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए 100 प्रतिशत अधिवास नीति लाएंगे।” विपक्ष के नेता ने कहा, “समीपवर्ती झारखंड में 100 प्रतिशत अधिवास नीति लागू करने के प्रयास तकनीकी कारणों से विफल हो गए। लेकिन मैंने कई न्यायविदों से इस मामले पर चर्चा की है और हमने इसका समाधान खोज लिया है।” युवा नेता ने आरोप लगाया कि 74 वर्षीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार “थके हुए हैं और उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए” और उनकी सहयोगी भाजपा “आरक्षण खोर को वैसे ही खा जाती है जैसे हमारे पास आदमखोर हैं”।
राज्य में अगली सरकार राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन की बनेगी, इस पर भरोसा जताते हुए यादव ने कहा, “हम युवा आयोग का गठन करेंगे। पहली कैबिनेट बैठक में आवश्यक मंजूरी दे दी जाएगी।” उन्होंने कहा, “हमारे आग्रह पर ही सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियां शुरू हुई हैं। यह प्रक्रिया तब शुरू हुई जब हम सत्ता में थे। अपनी सरकार बनने पर हम और अधिक लाभ प्रदान करेंगे।”
यादव ने कहा, “इसलिए मैं घोषणा करता हूं कि हम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फॉर्म प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को दी जाने वाली फीस माफ करेंगे। उम्मीदवारों के वाहन का खर्च, जिन्हें अक्सर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्ता में आए तो राजद वंचित जातियों के लिए कोटा में की गई बढ़ोतरी को “बहाल” करने की कोशिश करेगा, जिसे पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
यादव ने दावा किया कि पिछले कुछ चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी आरजेडी के पास “सबसे ज़्यादा युवा सांसद और विधायक हैं और इसलिए वह बिहार की युवा आबादी की आकांक्षाओं के सबसे बेहतर ढंग से अनुकूल है।” यादव ने कहा, “बिहार ऐसी सरकार के लायक नहीं है जो युवा विरोधी हो, प्रश्नपत्र लीक को रोकने में असमर्थ हो और पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करवाकर वास्तविक विरोध को कुचलने की कोशिश करती हो।”