आंध्र प्रदेश, 17 सितम्बर 2024
आंध्र प्रदेश सरकार ने रविवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर मुंबई की एक अभिनेत्री और मॉडल कादंबरी जेठवानी को गलत तरीके से गिरफ्तार करने और हिरासत में रखते हुए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है। यह मामला तब और ज्यादा चर्चा में आया जब कार्रवाई खुद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई। अभिनेत्री कादंबरी ने इन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद सरकार को यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
कादंबरी साउथ की एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने कन्नड़, मलयालम, तेलुगु के अलावा हिंदी और पंजाबी फिल्मों में भी काम किया है। वह एक्टर बनने से पहले डॉक्टर भी रह चुकी हैं और सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोवर्स हैं। अगस्त में, उन्होंने आंध्र प्रदेश के एनटीआर पुलिस कमिश्नर एस.वी. राजशेखर बाबू को एक औपचारिक शिकायत दी, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर हुई ज्यादतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कादंबरी का आरोप है कि आंध्र प्रदेश पुलिस ने उन्हें एक झूठे मामले में फंसाया, जिसके पीछे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और फिल्म निर्माता विद्यासागर का हाथ था। विद्यासागर ने फरवरी में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जबरन वसूली का मामला दर्ज कराया था। कादंबरी ने दावा किया कि विद्यासागर ने पुलिस अधिकारियों की मदद से उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान किया।
कादंबरी का कहना है कि उन्हें बिना किसी उचित जांच के जल्दबाजी में गिरफ्तार कर लिया गया और 40 दिनों तक हिरासत में रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। कादंबरी की शिकायत में यह भी कहा गया कि उनके साथ उनकी मां के माता-पिता को भी धमकाया गया और परेशान किया गया।
आंध्र प्रदेश सरकार ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद, इंटेलिजेंस हेड पी. सीताराम अंजनेयुलु, जो डीजी रैंक के अधिकारी हैं, विजयवाड़ा के पूर्व पुलिस आयुक्त कांथी राणा टाटा, जो आईजी रैंक के अधिकारी हैं, और विजयवाड़ा के एसपी विशाल गुन्नी को निलंबित कर दिया गया। जांच में इन अधिकारियों पर एक्ट्रेस को गलत तरीके से गिरफ्तार करने और उसे प्रताड़ित करने के आरोप सही पाए गए।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई को कादंबरी और उनके समर्थकों ने न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। वहीं, इस घटना ने देशभर में पुलिस तंत्र के दुरुपयोग और सत्ता के प्रभाव में काम करने की गंभीरता को उजागर किया है। कादंबरी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि उन्होंने यह लड़ाई सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए लड़ी है जो इस तरह के अन्याय का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सरकार और न्यायपालिका से अपील की कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी को इस तरह के अत्याचारों का सामना न करना पड़े।
यह मामला अब इसलिए और चर्चित हो गया है क्योंकि इसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, जो आमतौर पर सत्ता और कानून के शीर्ष पदों पर आसीन रहते हैं। कादंबरी की बहादुरी और संघर्ष ने उन्हें एक नई पहचान दी है, और यह मामला आने वाले दिनों में और गहराई से जांचा जाएगा।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है और क्या और भी बड़े नाम सामने आते हैं।