हैदराबाद, 12 अप्रैल 2025
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित ‘वनजीवी’ रामैया का शनिवार को तेलंगाना के खम्मम जिले में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेड्डीपल्ली गांव स्थित अपने घर में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
वह 87 वर्ष के थे। खम्मम जिले में हरित योद्धा, “चेट्टू (वृक्ष) रामैया” या “वनजीवी” के नाम से लोकप्रिय दरिपल्ली रामैया को पिछले कई दशकों में एक करोड़ से अधिक पौधे लगाने के लिए 2017 के पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने श्री रामैया के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन समाज के लिए एक “अपूरणीय क्षति” है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दरिपल्ली रामैया का दृढ़ विश्वास था कि प्रकृति और पर्यावरण के बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है, सीएमओ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है।
रेवंत रेड्डी ने कहा, “रामैया ने एक व्यक्ति के रूप में वृक्षारोपण की शुरुआत की और पूरे समाज को प्रभावित किया।” उन्होंने कहा कि पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करके युवाओं को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव और कई अन्य नेताओं ने श्री रामैया के निधन पर शोक व्यक्त किया।
अपने संदेश में किशन रेड्डी ने कहा कि श्री रामैया ने अपने जीवनकाल में एक करोड़ से अधिक पौधे लगाए और प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा तथा संवर्धन में वे अग्रणी रहे।
दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए संजय कुमार ने कहा कि पद्मश्री से सम्मानित हरित योद्धा का निधन तेलंगाना और प्रकृति के लिए क्षति है। केसीआर ने कहा कि श्री रामैया का जीवन पर्यावरण संरक्षण के मामले में भावी पीढ़ियों के लिए एक आदर्श है।