
लखनऊ, 8 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी में बहने वाली गोमतीं नदी को प्रदूषण से बचाकर स्वच्छ व निर्मल बनाने के उपायों पर सोमवार को मंथन किया गया। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने अफसरों से नालों के डिस्चार्ज और गंदे पानी के ट्रीटमेंट की जानकारी लेकर उन्हें बताया कि गोमती को सॉलिड वेस्ट मैटेरियल से हर हाल में बचाना है। उन्होंने इसके लिए तरीके भी सुझाए।
सोमवार की शाम आयुक्त कक्ष में हुई इस बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार व नगर आयुक्त गौरव कुमार के साथ जल निगम के अफसर भी मौजूद रहे। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने स्पष्ट कहा कि किसी भी सूरत में गोमती नदी में सॉलिड वेस्ट मैटेरियल पानी पर तैरता न मिले। इसके लिए नगर निगम को नियमित साफ-सफाई करानी होगी। जिन नालों का पानी गोमती में गिर रहा है। उन नालों पर नदी में गिरने वाले स्थान पर ग्रिल लगा दी जाए। इससे सॉलिड वेस्ट मैंटेरियल नदी में नहीं आएगा।
कमिश्नर ने कहा कि कैथल कालोनी में होने वाले गोबर को उठाने की व्यवस्था बनाएं या उसे वसंत कुंज योजना में बन रहे बायोगैस प्लांट पर पहुंचा दें। 5 किलोमीटर कुकरैल नदी की ड्रेजिंग की गयी है। नगर निगम व एलडीए द्वारा 5 किलोमीटर ड्रेजिंग कराई जाने वाली जगह पर ‘पवित्र धारा’ कार्यक्रम के तहत पौधरोपण कराना शुरू करें।
बैठक में जल निगम के अफसरों ने बताया कि गोमतीं में 32 नालो का पानी गिरता है। जिसमे से 26 नाला टेप्ट है। उन्होंने कहा कि शेष नालो को भी टेप्ट करा लिया जाए। 730 mld डिस्चार्ज है और 600 mld ट्रीट करते हैं। उन्होंने कहा कि 130 mld का जो गैप है। उसे भी एक सिस्टम बनाकर कवर किया जाए।