नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025
गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना निर्मित और बेचे जा रहे हेलमेट के मामले में केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। उपभोक्ता मामले विभाग ने राज्य सरकारों को भारतीय मानक ब्यूरो के प्रमाणन के बिना हेलमेट बनाने वाली कंपनियों और हेलमेट विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने वाहन चालकों को केवल आईएसआई मार्क वाले हेलमेट का ही इस्तेमाल करने की सलाह दी है। केंद्र ने साफ किया है कि देश में 21 करोड़ से ज्यादा दोपहिया वाहन हैं। सवारों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। इस मौके पर केंद्र ने याद दिलाया कि मोटर वाहन अधिनियम-1988 के मुताबिक हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
विभाग ने कहा है कि सड़क किनारे बिकने वाले कई हेलमेट पर बीएसआई प्रमाणन नहीं होता है, जिससे सड़क हादसों में कई मौतें हो रही हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में बीआईएस ने बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग के लिए 30 से अधिक छापे मारे।
दिल्ली में किए गए एक ऑपरेशन में, इसने कहा कि नौ निर्माताओं से 2,500 से अधिक गैर-अनुपालन वाले हेलमेट जब्त किए गए, जिनके लाइसेंस समाप्त हो चुके थे या रद्द कर दिए गए थे। हेलमेट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2021 में पहले ही गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू कर दिया था।
इसके अनुसार, केवल ISI मार्क वाले हेलमेट ही बेचे जाएंगे जो BIS मानकों का अनुपालन करते हैं। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि जून 2025 तक पूरे भारत में केवल 176 कंपनियों के पास गुणवत्तापूर्ण हेलमेट बनाने के लिए BIS लाइसेंस होंगे।