
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 18 सितंबर 2025:
यूपी के वाराणसी जिले की कचहरी में सरेआम निर्मम ढंग से वकीलों द्वारा दरोगा की पिटाई के मामले में अब पुलिसकर्मी का परिवार सामने आया है। पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर पीड़ित परिवार में शामिल दरोगा के पिता, भाई व पत्नी धरने पर बैठ गए। इस दौरान पत्नी ने महकमे पर कई सवाल दागे। कहा बार काउंसिल अगर पिटाई करने वालों को अराजक तत्व बता रही है तो अभी तक पकड़े क्यों नहीं गए। वर्दी की कोई इज्जत व सुरक्षा नहीं है। तन की चोट सही हो जाएगी मन के घाव कैसे भरेंगे। फिलहाल इन सारे सवालों पर बैकफुट पर आए अफसरों ने वार्ता कर किसी तरह उन्हें मनाया और जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।
बता दें कि गत 16 सितंबर मंगलवार को बड़ागांव थाने में तैनात दरोगा मिथिलेश प्रजापति और सिपाही राणा प्रताप गो अधिनियम का रिमांड पर्चा लेने कचहरी पहुंचे, तो गुस्साए वकीलों ने उन पर हमला बोल दिया। इसके पीछे थाना क्षेत्र में दो पक्षों में चल रहे जमीन विवाद में वकील पुलिस से नाराज थे और सिर्फ बड़ागांव थाने का दरोगा होने की वजह से मिथिलेश निशाने पर आ गए। पिटाई इतनी बेरहम थी कि उनकी वर्दी फट गई, और उन्हें गंभीर हालत में बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाना पड़ा। कुछ लोगों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन वे भी चोटिल हो गए। सूचना मिलते ही भारी पुलिस फोर्स कचहरी पहुंची, लेकिन तब तक कई हमलावर भाग चुके थे। इस मामले में पुलिस ने केस तो दर्ज किया लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई। उधर बार काउंसिल ने भी पिटाई करने वाले वकीलों को अराजक तत्व बता दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद गुरुवार की सुबह, दरोगा मिथिलेश की पत्नी अनीता अपने परिवार के साथ पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गईं। दरोगा मिथिलेश के पिता व भाई ने सवाल दागे कि कोई आम आदमी इस तरह पीटा जाता तो पुलिस पर 24 घण्टे में गिरफ्तारी को कहा जाता अब जब पुलिसवाला खुद पीटा गया है तो कोई गिरफ्तारी नहीं। “मेरा बेटा सरकारी ड्यूटी पर था, फिर भी उसे मरणासन्न कर दिया गया। तीन दिन बीत गए, लेकिन हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं! वर्दी शर्मसार हो गई है। आला अफसरों की जिम्मेदारी क्या है?” पत्नी अनीता ने भी कहा ‘क्या पुलिस की वर्दी की कोई इज्जत नहीं? “मेरे पति को बेरहमी से पीटने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। मेरी अंतरात्मा को चोट लगी है। क्या शासन-प्रशासन वकीलों से डर गया है?” उनके साथ मौजूद मिथिलेश के पिता का दर्द और गहरा था। उन्होंने कहा,
परिवार का धरना देख पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल हरकत में आए। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि 24 घंटे से भी कम समय में मुकदमा दर्ज हो चुका है। डीसीपी वरुणा जोन की अगुआई में टीमें सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं, और जल्द ही हमलावर वकीलों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। काफी देर तक चली वार्ता के दौरान भी परिवार का गुस्सा साफ दिखाई दिया। फिलहाल जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद परिवार ने धरना खत्म किया। अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने कहा, “हमलावरों की पहचान हो रही है। जल्द ही सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल दो दिन बाद भी कचहरी परिसर में तनाव का माहौल है। भारी पुलिस बल तैनात है।