नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष समीर कामत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों और एयरबेसों का विनाश रक्षा क्षेत्र में भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं का प्रमाण है। कामत ने कहा कि सैनिकों के साथ-साथ तकनीक इस ऑपरेशन की रीढ़ थी। उन्होंने पुणे स्थित रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) के चौथे दीक्षांत समारोह में यह बात कही।
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक सैन्य अभियान नहीं है। इसने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा स्वदेशी तकनीक से कर सकता है।” इस ऑपरेशन में भारत द्वारा इस्तेमाल किया गया मुख्य हथियार ब्रह्मोस मिसाइल था, और इसमें भी सुखोई से इस्तेमाल होने वाले हवाई प्रक्षेपण संस्करण का ही मुख्य रूप से इस्तेमाल किया गया था। कामथ ने कहा, “हमने रक्षात्मक हथियार प्रणाली में आकाश प्रणाली, ड्रोन-रोधी प्रणाली डी4 प्रणाली और एमआर-एसएएम का इस्तेमाल किया।”
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल किए गए सभी सेंसर आकाशथिर द्वारा भी इस्तेमाल किए गए थे, जो संभावित खतरों का पता लगाता है और यह भी बताता है कि उनसे बचने के लिए कौन से हथियार इस्तेमाल करने हैं। उन्होंने कहा कि आकाशथिर एक प्रमुख प्रणाली है जो एआई के साथ काम करती है।