
अमित मिश्र
महाकुंभ नगर 13 जनवरी 2025:
प्रयागराज के महाकुंभ में देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों से लोग यहां का नजारा देख अभिभूत हैं। उन्होंने भी आस्था की डुबकी लगाई। संगम की रेती पर खड़े होकर स्पेनिश, जर्मन, रशियन, फ्रेंच व अन्य अफनी भाषाओं में जय श्रीराम और हर हर गंगे के जयकारे लगाए। इन्हें जयकारा लगाते देख अन्य श्रद्धालु भी इनका साथ देते रहे।

न्यूयॉर्क व जर्मनी से आकर यहां शांति मिली
महाकुंभ के संगम घाट पर मौजूद जर्मनी की रहने वाली क्रिस्टीना ने बताया कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। मैंने महाकुंभ के बारे में सुना जरूर था, लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव शानदार है। क्रिस्टीना का जन्म इक्वाडोर में हुआ था। बाद में इनके माता-पिता जर्मनी में बस गए। इक्वाडोर के निवासी उनके साथी भी आये हैं। सबने साथ में ही गंगा में डुबकी लगाई। ऐसे ही न्यूयॉर्क से आए फैशन डिजाइनर कॉबी हेल्परिन ने कहा कि भारत के बारे में सुन रखा था और यहां महाकुंभ ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया।

ये तो अनुमान से भी बड़ा आयोजन है
रूस से आए मिखाइल और उनके दोस्तों ने संगम घाट पर गंगा स्नान कर हर हर गंगे के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा, मैंने महाकुंभ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है। यह हम सभी के लिए कभी न भूलने वाला क्षण है। इटली से आए पाउलो अपने 12 सदस्यीय दल के साथ महाकुम्भ में दिखे। कहा कि दुनिया में इतना बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहीं और संभव नहीं है। यह भारत की महानता को दर्शाता है।






