संतोष देव गिरी
मिर्ज़ापुर,1 जनवरी 2025:
नववर्ष की पूर्व संध्या थी, जब मिर्ज़ापुर की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने एक अद्भुत कार्य किया, जो सभी के दिलों में बस गया। आधी रात के बाद, जब ठंड का सितम बढ़ चुका था, प्रियंका निरंजन अपनी गाड़ी से उतरकर शहर की सड़कों पर निकलीं। ठंड से कांपते हुए लोगों को देख उनका दिल पिघल गया। बिना एक पल की देर किए, डीएम प्रियंका निरंजन उन लोगों के पास पहुंचीं, एक-एक करके उन्हें कंबल ओढ़ाए, और उनका कुशलक्षेम पूछा।
ठंड से बचाव के उपाय बताते हुए, जिलाधिकारी ने नगर पालिका परिषद को सख्त निर्देश दिए कि प्रमुख चौराहों और रैन बसेरों के पास अलाव की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए। “कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए,” ये शब्द डीएम के थे, जो उनके मजबूत प्रशासनिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
इसी दौरान प्रियंका निरंजन संकट मोचन मंदिर के पास भी गईं, जहां उन्होंने जरूरतमंदों और गरीबों के बीच कम्बल वितरण किया। उनका कहना था, “शासन के निर्देशों के तहत, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति ठंड से न जूझे।” जिले के सभी तहसीलों में भी उपजिलाधिकारी और राजस्व अधिकारियों द्वारा कम्बल वितरण किया जा रहा था।
रात के गहरे सन्नाटे में, प्रियंका निरंजन कचहरी पेट्रोल पंप तिराहे पर पहुंचे और अलाव की व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त लकड़ी उपलब्ध हो। उनके निर्देशों से यह साबित हो गया कि डीएम प्रियंका निरंजन सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और समझदार नेता भी हैं।
जुग जुग जिया ए बिटिया !
और फिर, जैसे ही प्रियंका निरंजन ने गरीब बुजुर्ग महिलाओं को कंबल ओढ़ाया और उनका हालचाल पूछा, महिलाओं के मुंह से एक ही शब्द फूट पड़े, “जुग जुग जिया ए बिटिया… बनल रहें तोहार घर-परिवार।” यह आशीर्वाद प्रियंका निरंजन के प्रति उनके आभार और प्रेम को व्यक्त कर रहा था।
इस खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली घटना ने न सिर्फ मिर्ज़ापुर को प्रेरित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक प्रशासनिक अधिकारी समाज की सेवा में अपनी भूमिका निभा सकती है।