बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में होगी, जिसमें मायावती को फिर पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। साथ ही, राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। बैठक मे पार्टी के देशभर के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे, जिन्हें मायावती राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव को लेकर अहम दिशा-निर्देश देंगी।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उनका सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट लेने का अभी कोई इरादा नहीं है। मेरे बीमार होने की फेक न्यूज जातिवादी मीडिया की देन है ताकि पार्टी के लोगों का मनोबल गिराया जा सके। इससे पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाने की अफवाह फैलाई गयी थी।
बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को जारी अपने बयान मे कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर व कांशीराम की तरह ही अपनी ज़िन्दगी की आखिरी सांस तक बसपा व इसके मूवमेन्ट को समर्पित रहने का उनका फैसला अटल है।
आकाश आनंद को मेरे नहीं रहने पर या गंभीर अस्वस्थता की हालत में उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है। तभी से जातिवादी मीडिया, ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है। पार्टी का लक्ष्य 50 फीसद युवाओं को पदाधिकारी बनाने का है।
बताते चले कि 2019 में लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच समझौता हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश की 80 सीट में 10 सीट पर बसपा और पांच सीट पर सपा जीती थी. लेकिन, चुनाव परिणाम आने के बाद 2019 में ही यह समझौता टूट गया था. मायावती के प्रति अखिलेश की नरमी के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे थे. इस बीच आरक्षण और जातीय जनगणना के मामले पर वह सपा और कांग्रेस पर आक्रामक रहीं लेकिन सोमवार को अचानक ‘गेस्ट हाउस कांड’ की याद दिलाते हुए सपा और कांग्रेस पर उनके आक्रामक रुख ने कुछ और संकेत दिए हैं.