• About Us
  • T&C
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Site Map
The Ho HallaThe Ho HallaThe Ho Halla
  • Ho Halla Special
  • State
    • Andhra Pradesh
    • Arunachal Pradesh
    • Assam
    • Bihar
    • Chandigarh
    • Chhattisgarh
    • Delhi
    • Gujarat
    • Haryana
    • Himachal Pradesh
    • Jammu & Kashmir
    • Jharkhand
    • Karnataka
    • Kerala
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Odhisha
    • Punjab
    • Rajasthan
    • Sikkim
    • Tamil Nadu
    • Telangana
    • Uttar Pradesh
    • Uttrakhand
    • West Bengal
  • National
  • Religious
  • Sports
  • Politics
Reading: ED पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट, कहा- दायरे में रहकर किया जाए काम..
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
The Ho HallaThe Ho Halla
Font ResizerAa
  • Ho Halla Special
  • State
    • Andhra Pradesh
    • Arunachal Pradesh
    • Assam
    • Bihar
    • Chandigarh
    • Chhattisgarh
    • Delhi
    • Gujarat
    • Haryana
    • Himachal Pradesh
    • Jammu & Kashmir
    • Jharkhand
    • Karnataka
    • Kerala
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Odhisha
    • Punjab
    • Rajasthan
    • Sikkim
    • Tamil Nadu
    • Telangana
    • Uttar Pradesh
    • Uttrakhand
    • West Bengal
  • National
  • Religious
  • Sports
  • Politics
Follow US
  • Advertise
© 2022 TheHoHalla All Rights Reserved.
The Ho Halla > Blog > National > ED पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट, कहा- दायरे में रहकर किया जाए काम..
National

ED पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट, कहा- दायरे में रहकर किया जाए काम..

ankit vishwakarma
Last updated: August 8, 2025 7:59 am
ankit vishwakarma 1 month ago
Share
SHARE

नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उसने ईडी को धोखेबाज़ की तरह काम न करने और कानून के दायरे में काम करने की सलाह दी है। अदालत ने ईडी द्वारा दर्ज पीएमएलए मामलों में दोषसिद्धि की कम दर पर चिंता व्यक्त की है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति कोटेश्वर सिंह की पीठ ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की गिरफ्तारी की शक्तियों को बरकरार रखने वाले 2022 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। अदालत ने टिप्पणी की कि वह न केवल लोगों की स्वतंत्रता के बारे में बल्कि ईडी की छवि के बारे में भी चिंतित है।

न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में ईडी द्वारा दर्ज किए गए 5000 मामलों में से 10 प्रतिशत से भी कम मामलों में दोषसिद्धि हुई है। ईडी को धोखेबाज़ की तरह काम नहीं करना चाहिए। गवाहों को सुधारना चाहिए। क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है।” उन्होंने सवाल किया कि अगर लोग 5-6 साल की न्यायिक हिरासत के बाद बरी हो जाते हैं तो मुआवजा कौन देगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान टाडा और पोटा अदालतों जैसी विशेष अदालतों में है, तथा विशेष पीएमएलए अदालतें दिन-प्रतिदिन के कार्यों को संभाल सकती हैं, जिससे मामलों का शीघ्र निपटारा हो सकेगा।

केंद्र और ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अपनी दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिकाएँ जाँच के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली लोग कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल करके और कई आवेदन दायर करके जाँच में देरी कर रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इससे ईडी अधिकारियों को जाँच करने के बजाय अदालत में पेश होने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हालाँकि, पीठ ने राजू की दलीलों को खारिज कर दिया।

 

Share This Article
Facebook Email Print
Previous Article मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को मिली कोर्ट से राहत, परिवार के सदस्यों कर पाएंगे बात!
Next Article ट्रंप टैरिफ पर भारत को मिला चीन का साथ, विदेश मंत्री वांग यी बोले – यह पूरी तरह से अप्रत्याशित है
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Ho HallaThe Ho Halla
© The Ho Halla. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?

Powered by ELEVEN BRAND WORKS LIMITED