
नई दिल्ली, 13 जून 2025
देश में जारी गर्मी के कहर के बीच लोगों के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक राहत भरी खबर दी है। (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून, ने फिर से गति पकड़ ली है, और अगर ऐसा ही रहा तो 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों में मानसून के पहुंचने की उम्मीद है।
वैसे इस साल समय से पहले ही 24 मई को मानसून केरल पहुंच चुका है, यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे पहला आगमन रहा। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत निम्न दबाव प्रणालियों की सहायता से, मानसून अगले कुछ दिनों में तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर को कवर कर लिया।
हालाँकि, यह 28-29 मई से 10-11 जून तक ठप रहा, उसके बाद पुनः सक्रिय हो गया। जून के प्रारम्भ से वर्षा की कमी के कारण तापमान में तीव्र वृद्धि हुई, जिससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में गर्म लहर की स्थिति उत्पन्न हो गई।
आईएमडी के विस्तारित अवधि पूर्वानुमान के अनुसार, मानसून अब 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को कवर कर लेगा। इसके 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों तक पहुंचने की उम्मीद है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस तूफान के सामान्य आगमन की तिथि 27 जून से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून के आगमन की तिथि का कुल मौसमी वर्षा से सीधा संबंध नहीं है। केरल या मुंबई में समय से पहले या देरी से आगमन का मतलब यह नहीं है कि देश के अन्य भागों में भी इसी तरह की प्रगति होगी। उनका कहना है कि मानसून जटिल वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों से प्रभावित होता है, जिनमें महत्वपूर्ण परिवर्तनशीलता होती है।
मई में आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया था कि भारत में जून-सितंबर मानसून ऋतु के दौरान 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है। इस 50-वर्षीय औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को “सामान्य” माना जाता है। लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के समीपवर्ती क्षेत्रों, पूर्वोत्तर तथा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ भागों को छोड़कर देश के अधिकांश भागों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। साथ ही मौसम विभाग ने अंदाजा लगाया है कि इस बार पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है।






