लखनऊ, 29 दिसंबर 2025:
तालकटोरा स्थित कर्बला से चोरी हुआ ईरानी नस्ल का दुलदुल घोड़ा पुलिस ने बरामद कर लिया है। चोरी के चार दिन बाद घोड़ा उन्नाव जिले के मौरांवा गांव से सकुशल मिला है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। घोड़े की बरामदगी पर पहले 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। अब यह इनाम घोड़ा खोजने वाली पुलिस टीम को दिया जाएगा।
बया दें कि शिया समुदाय में दुलदुल नस्ल के घोड़े का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को दुलदुल नस्ल के घोड़े प्रिय थे। धार्मिक आयोजनों और जुलूसों में इस घोड़े को खास तौर पर शामिल किया जाता है। चोरी के बाद शिया समुदाय में चिंता और गम का माहौल था। बरामदगी के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
कर्बला राजाजीपुरम के पूर्व मुतवल्ली सैय्यद फैजी के अनुसार, उनका दुलदुल नस्ल का घोड़ा तालकटोरा कर्बला स्थित अस्तबल में बंधा था। 24 दिसंबर की सुबह करीब आठ बजे उन्हें सूचना मिली कि अस्तबल का ताला कटर से काट दिया गया है और घोड़ा गायब है। आसपास तलाश के बाद पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने मौके के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। फुटेज में एक व्यक्ति घोड़े को ले जाते हुए दिखाई दिया, हालांकि वह घोड़े के पीछे छिपकर चल रहा था। इसके बाद पुलिस ने अन्य सीसीटीवी और घटनास्थल के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों की जांच की। जांच के आधार पर आरोपी छोटू की पहचान हुई।

पुलिस ने आरोपी छोटू को 28 दिसंबर की रात गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने घोड़ा चोरी करने की बात स्वीकार की। आरोपी ने बताया कि उसने घोड़े को उन्नाव में एक कारोबारी को डेढ़ लाख रुपए में बेच दिया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस 29 दिसंबर की तड़के उन्नाव के मौरांवा गांव पहुंची और घोड़े को बरामद कर लिया। कागजी कार्रवाई के बाद घोड़ा उसके मालिक सैय्यद फैजी को सौंप दिया गया।
सैय्यद फैजी ने बताया कि घोड़े की चोरी से शिया समाज के लोग बेहद दुखी थे। कर्बला में उसकी सलामती के लिए दुआएं मांगी जा रही थीं। घोड़ा बरामद करने वाले को 50 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई थी, जो अब पुलिस टीम को दिया जाएगा। दुलदुल की देखभाल करने वाले गामा ने बताया कि घोड़े को परिवार के सदस्य की तरह पाला गया है। उसके गायब होने के बाद सभी लोग बेहद परेशान थे। अस्तबल सूना देखकर आंखों से आंसू निकल आते थे। अब उसके वापस आने से सभी को सुकून मिला है। कर्बला से चोरी हुआ ‘दुलदुल’ घोड़ा
बताया गया कि डेढ़ साल पहले इस दुलदुल नस्ल के घोड़े को उत्तराखंड से करीब ढाई लाख रुपए में खरीदा गया था। उस समय वह आठ महीने का था। शुरुआत में उसे रोजाना गाय का दूध पिलाया जाता था। अब उसे दूध के साथ चना, चोकर, भूसी और हरी घास दी जाती है। घोड़े की देखभाल पर हर महीने करीब 30 हजार रुपए खर्च होते हैं। यह घोड़ा पूरी तरह सफेद और चमकदार है और धार्मिक आयोजनों में इसकी काफी मांग रहती है।






