अहमदाबाद, 9 अप्रैल 2025
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेताओं को तीखा संदेश देते हुए बुधवार को कहा कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते हैं उन्हें ‘‘आराम करने की जरूरत है’’ जबकि जो लोग अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते हैं उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। यहां साबरमती नदी के तट पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण में खड़गे ने इस बात पर भी जोर दिया कि संगठन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की भूमिका को काफी बढ़ाया जाएगा और उनकी नियुक्ति अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती और निष्पक्षता से की जाएगी। उन्होंने कहा, “संगठन के निर्माण में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने जा रही है। इसलिए उनकी नियुक्ति एआईसीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती और निष्पक्षता से की जानी चाहिए।”
खड़गे ने कहा कि जिला अध्यक्ष को अपनी नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर सर्वश्रेष्ठ लोगों को जोड़कर बूथ समिति, मंडल समिति, ब्लॉक समिति और जिला समिति बनानी होती है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हमने देश भर के जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें भी बुलाईं। राहुल जी और मैंने उनसे बात की और उनकी राय ली। भविष्य में हम चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को भी शामिल करने जा रहे हैं।” खड़गे ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है, जो अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते, उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांतों का अनुसरण कर रही है ।उन्होंने कहा, ‘‘साबरमती के तट से हम न्याय के मार्ग पर चलने के लिए दृढ़ संकल्प, संघर्ष और समर्पण का संदेश लेकर जा रहे हैं।’’उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरदार पटेल ने संगठन के महत्व के बारे में क्या कहा था।
खड़गे ने पटेल को उद्धृत करते हुए कहा, “संगठन के बिना संख्या बेकार है। संगठन के बिना संख्या असली ताकत नहीं है। सूत के धागे अलग-अलग रहें तो बात अलग है। लेकिन जब वे बड़ी संख्या में इकट्ठे होते हैं तो कपड़े का रूप ले लेते हैं। तब उनकी ताकत, सुंदरता और उपयोगिता अद्भुत हो जाती है।”
खड़गे ने कहा, “हम फिर से भारत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। आजादी की इस दूसरी लड़ाई में दुश्मन फिर से अन्याय, असमानता, भेदभाव, गरीबी और सांप्रदायिकता हैं।” खड़गे ने कहा, अंतर केवल इतना है कि पहले विदेशी लोग अन्याय, गरीबी और असमानता को बढ़ावा देते थे, अब हमारी अपनी सरकार ऐसा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तब विदेशी लोग सांप्रदायिकता का फायदा उठाते थे, आज हमारी अपनी सरकार इसका फायदा उठा रही है।’’ खड़गे ने कहा, ‘‘लेकिन हम यह लड़ाई भी जीतेंगे।’’